‘अपनी सेना का आकार शीघ्र बढ़ाए यूक्रेन’, व्हाइट हाउस ने कहा- 18 साल के किशोरों को सेना में करें भर्ती!

राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन यूक्रेन से आग्रह कर रहा है कि वह अपनी सेना का आकार शीघ्र बढ़ाए। इसके लिए व्हाइट हाउस ने कहा है कि यूक्रेन अधिक सैनिकों की भर्ती करे और अपने कानूनों में सुधार करे, ताकि 18 वर्ष के किशोरों को भी सेना में भर्ती किया जा सके।

पिछड़े यूक्रेन की मदद के लिए उपलब्ध सैनिकों का विस्तार होगा

नाम नहीं छापने की शर्त पर बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि डेमोक्रेटिक प्रशासन चाहता है कि यूक्रेन सेना में शामिल होने की मौजूदा उम्र 25 से घटाकर 18 कर दे। इससे रूस के साथ लगभग तीन साल पुराने युद्ध में बुरी तरह से पिछड़े यूक्रेन की मदद के लिए उपलब्ध सैनिकों का विस्तार होगा। यूक्रेन और उसके पश्चिमी समर्थकों की गैरजिम्मेदाराना हरकतें दुनिया को तबाही के कगार पर पहुंचा सकती है। यूक्रेन की स्थिति का शुद्ध गणित अब यह है कि उसे लड़ाई में अधिक सैनिकों की आवश्यकता है। 

पश्चिम को यूक्रेन को परमाणु हथियार दे देना चाहिए

रॉयटर के अनुसार, रूसी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कुछ हलकों में यह चर्चा चल रही है कि पश्चिम को यूक्रेन को परमाणु हथियार दे देना चाहिए, जो पागलपन है। ऐसी स्थिति को रोकना भी एक कारण था, जिसके कारण मास्को ने यूक्रेन पर हमला बोला। मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जिम्मेदार सरकारों के हित में है कि ऐसा परिदृश्य सामने न आए। यह आत्मघाती होगा। यूक्रेन और उसके पश्चिमी समर्थकों की गैरजिम्मेदाराना हरकतें दुनिया को तबाही के कगार पर पहुंचा सकती है।

रूस ने उप प्रधानमंत्री सहित 30 ब्रिटिश नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया

रूसी विदेश मंत्रालय ने 30 ब्रिटिश नागरिकों के रूसी क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध सूची में ब्रिटेन के राजनीतिक प्रतिष्ठान, सैन्य ब्लाक, उच्च तकनीक कंपनियों के साथ-साथ समाचार आउटलेट के सदस्य भी शामिल हैं। ब्रिटिश उप प्रधानमंत्री एंजेला रेनर, राजकोष के चांसलर राचेल रीव्स, गृह सचिव यवेटे कूपर और कई अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी सूची में शीर्ष पर हैं।

रूस प्रतिबंध सूची का और विस्तार करने के लिए तैयार

मंत्रालय के अनुसार, ब्रिटिश अधिकारियों की शत्रुता के जवाब में रूस प्रतिबंध सूची का और विस्तार करने के लिए तैयार है। इससे पहले मंगलवार को जासूसी के आरोप में एक ब्रिटिश राजनयिक को निष्कासित करने के बाद विदेश मंत्रालय ने रूस में ब्रिटिश राजदूत को तलब किया था और विरोध दर्ज कराया था।

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