रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रहे 5G यूजर्स, 2030 तक भारत में 97 करोड़ हो जाएगी संख्या!

दूरसंचार उपकरण बनाने वाली दिग्गज कंपनी एरिक्सन ने मंगलवार को कहा कि भारत में 5G ग्राहकों की संख्या वर्ष 2030 तक तीन गुना होकर 97 करोड़ पर पहुंचने की उम्मीद है, जो कुल मोबाइल ग्राहक आधार का 74 प्रतिशत होगा। एरिक्सन कंज्यूमरलैब की शोध रिपोर्ट के मुताबिक, रचनात्मक आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस (जेनरेटिव एआई) से जुड़े अनुप्रयोग 5G प्रदर्शन के प्रमुख प्रेरक के तौर पर उभर रहे हैं।

तेजी से बढ़ रहे 5G यूजर

रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारत में 5G ग्राहकों की संख्या 2024 के अंत तक 27 करोड़ से अधिक हो जाएगी जो देश में कुल मोबाइल ग्राहकों का 23 प्रतिशत होगा। इसके अलावा भारत में अभी प्रति स्मार्टफोन औसत मासिक डाटा उपयोग 32 जीबी है, जो 2030 तक बढ़कर 66 जीबी होने की उम्मीद है। रिपोर्ट कहती है कि साल 2024 के अंत तक वैश्विक 5जी यूजर लगभग 2.3 अरब होने का अनुमान है जो कुल मोबाइल ग्राहकों का 25 प्रतिशत होगा।

ग्लोबली 2030 तक होंगे 6.3 अरब 5G यूजर

वहीं, वर्ष 2030 तक 5G ग्राहकों की संख्या वैश्विक स्तर पर 6.3 अरब होने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले पांच वर्षों में जेन एआई एप का उपयोग करने वाले स्मार्टफोन ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है। भारत में लगभग 67 प्रतिशत 5G स्मार्टफोन धारक अगले पांच वर्षों के भीतर जेन एआई एप का इस्तेमाल करने लगेंगे।

क्या होते हैं 5G बैंड

5G नेटवर्क के लिए तीन तरह के बैंड यूज किए जाते हैं। ये तीन – लो, मिड और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड है। तीनों बैंड की अपनी-अपनी खूबियां हैं। सबसे पहले बात करें लो बैंड की तो इनकी फ्रीक्वेंसी 1GHz से कम है। ये बैंड ज्यादा कवरेज ऑफर करती है लेकिन इसकी स्पीड कम रहती है।

मिड बैंड के फ्रीक्वेंसी 1GHz से 6GHz है। इस बैंड में कवरेज और स्पीड दोनों बैलेंस रहती हैं। बात करें हाई बैंड की तो इसकी फ्रीक्वेंसी 24GHz से 40GHz तक की है। इसमें स्पीड ज्यादा मिलती है लेकिन कवरेज कम मिलती है।

भारत में कितने 5G बैंड्स की सुविधा

देश में 5G सर्विस के लिए 12 फ्रीक्वेंसी बैंड को नीलामी में रखा गया था। नीलामी में अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियों की भागीदारी थी। वर्तमान में रिलायंस जियो और भारती एयरटेल की 5G सर्विस अलग-अलग टेक्नोलॉजी के साथ काम करती है।

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