कब है प्रदोष व्रत, अभी नोट करें इस दिन क्या खाएं और क्या नहीं?

सनातन धर्म में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शुभ माना जाता है, क्योंकि इस तिथि पर प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) किया जाता है। इस दिन भगवान शिव (Lord Shiv) और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि संध्याकाल में विशेष उपासना करने से पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं और जातक को मनचाहा रोजगार प्राप्त होता है। व्रत के दौरान विशेष नियम का पालन करना बेहद आवश्यक होता है, जिससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

इस मुहूर्त करें भगवान शिव की पूजा

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर को सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। इसके अगले दिन यानी 29 नवंबर को सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 28 नवंबर को मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त (Guru Pradosh Vrat 2024 Puja Time) शाम को 05 बजकर 24 मिनट से लेकर 08 बजकर 06 मिनट तक है।

व्रत थाली में करें इन चीजों को शामिल

प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat me khana chahiye) के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन खानपान के नियम का पालन न करने से जातक को महादेव की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इस व्रत के दौरान आप खीर, कुट्टू के आटे के पकोड़े और फल का सेवन कर सकते हैं। इन चीजों को ग्रहण करने से पहले भगवान शिव और मां पार्वती को भोग जरूर लगाएं और जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए कामना करें।

इसके अलाव प्रदोष व्रत में साबूदाने की कचौडी, दूध, दही और कुट्टू के आटे की रोटी को शामिल किया जा सकता है।

भूलकर भी न करें इन चीजों का सेवन

प्रदोष व्रत के दौरान तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत के भोजन में सेंधा नमक का इस्तेमाल करें। व्रती को गेहूं और चावल नहीं खाने चाहिए।

न करें ऐसी गलती

अगर आप प्रदोष व्रत कर रहे हैं, तो एक बात का विशेष ध्यान रखें कि इस दिन सुबह की पूजा-अर्चना करने के बाद दिन में सोना वर्जित है। ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है और काले वस्त्र धारण न करें और न ही किसी के बारे में गलत न सोचें। बुजुर्ग और महिलाओं का अपमान न करें।

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