रामदरबार के पूरा होने की तारीख तय, रामलला को अब तक उपहार में मिली 940 किलो चांदी!

राममंदिर के दूसरे तल पर स्थापित होने वाले रामदरबार की मूर्तियां 15 जनवरी तक बनकर अयोध्या पहुंच जाएंगी। इन मूर्तियों का निर्माण राजस्थान के जयपुर में हो रहा है। इसके अलावा सप्तमंडपम के सात मंदिरों की सात मूर्तियां व परकोटे के छह मंदिरों की छह मूर्तियां भी जयपुर में ही बन रही हैं। ये सभी मूर्तियां जनवरी तक बनकर तैयार हो जाएंगी।

राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राम दरबार की मूर्ति का परीक्षण आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा पूरा कर चुके हैं, मूर्तियां संतोषजनक पाई गई हैं। संगमरमर के पत्थर पर मूर्तियों को आकार देने का काम चल रहा है। विख्यात शिल्पकार वासुदेव कामत राम दरबार को आकार दे रहे हैं। 

राम दरबार में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुहन व हनुमान की मूर्तियां एक साथ रहेंगी। यह मूर्ति 15 जनवरी तक बनकर अयोध्या पहुंच जाएगी। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राममंदिर के 800 मीटर लंबे परकोटे में कांस्य के 90 भित्तिचित्र बनाए जा रहे हैं। इनमें से 11 म्यूरल यानी भित्ति चित्र बनकर तैयार हो चुके हैं। एक म्यूरल की लंबाई सात फीट व चौड़ाई छह फीट है। इनके निर्माण में पांच शिल्पकार लगे हुए हैं। परकोटे का संपूर्ण काम अक्तूबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राममंदिर में चार प्रवेश द्वार बनने हैं, जिसका डिजाइन तैयार है। राजकीय निर्माण निगम ये द्वार बना रहा है। उत्तरी गेट पर कार्य शुरू हो चुका है। 11 नंबर गेट का भी कार्य जल्द शुरू किए जाने की तैयारी है, उसके बाद गेट नंबर तीन और गेट नंबर 10 भी बनाए जाएंगे। जून 2025 तक चारों प्रवेश द्वार बनकर तैयार हो जाएंगे। ये प्रवेश द्वार भी वंशी पहाड़पुर के लाल पत्थरों से बनाए जाएंगे।

राममंदिर के लिए दिया 1.51 लाख का दान

राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष आरके सिंह ने 1.51 लाख रुपये का दान दिया है। सर्किट हाउस में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र को उन्होंने 1.51 लाख रुपये का चेक प्रदान किया। उन्होंने कहा कि राममंदिर निर्माण से सदियों की कल्पना साकार हो रही है।

चार वर्षों में दान में मिली 940 किलो चांदी

रामलला को रोजाना बड़ी मात्रा में श्रद्धालु सोना व चांदी भी दान में अर्पित करते हैं। पिछले चार वर्षों में रामलला को 940 किलो चांदी दान में मिली है। इसकी गुणवत्ता परखने की जिम्मेदारी भारत सरकार की संस्था सिक्योरिटी प्रिंटिंग काॅरपोर्रेशन ऑफ इंडिया को सौंपी गई है। समाज ने रामलला को जो चांदी दान में दी है, उसकी गुणवत्ता उत्तम है। गुणवत्ता परखने के लिए 71 नमूने लिए गए थे ,जिसमें से 64 नमूनों में 90 से 98 फीसदी चांदी पाई गई। समाज ने उत्तम गुणवत्ता की चांदी अर्पित की है।

अर्चकों की नियुक्ति का रास्ता साफ
– राममंदिर में जिन 20 अर्चकों को प्रशिक्षण दिया गया था, उनकी नियुक्ति पर भी बैठक में चर्चा हुई। इन अर्चकों के लिए नई नियमावली भी बनाई गई है। इन अर्चकों को छह माह का प्रशिक्षण दिया गया है। इन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जा चुका है। जो अर्चक नियमावली को स्वीकार करेंगे उन्हें मंदिर की सेवाओं में लेना प्रारंभ कर दिया जाएगा। राममंदिर समेत परिसर के सभी 18 मंदिरों में इन अर्चकों को पूजा-पाठ के लिए लगाया जाएगा।

मंदिर निर्माण की तय समय सीमा
मार्च 2025- शिखर निर्माण
अप्रैल 2025- मंदिर समेत सप्तमंडपम
अगस्त 2025- शेषावतार मंदिर
अक्तूबर 2025- परकोटा

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