स्कूल और कॉलेज में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर एबीवीपी का हंगामा, रिकॉर्डिंग पर भड़के एसडीम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सैकड़ों कार्यकर्ता सोमवार दोपहर दमोह कलेक्ट्रेट पहुंचे। उनकी मांग थी कि जिले भर में संचालित शिक्षण संस्थानों में कई तरह की असुविधाएं हैं, जिन्हें ठीक किया जाए। कार्यकर्ताओं का ज्ञापन लेने जैसे ही एसडीएम आरएल बागरी पहुंचे तो छात्रों ने मना कर दिया और कहा कि जब तक कलेक्टर ज्ञापन लेने नहीं आएंगे वह ज्ञापन नहीं देंगे।

करीब एक घंटे तक एबीवीपी के छात्र हंगामा और नारेबाजी करते रहे, लेकिन कलेक्टर नहीं आए। ऐसा इसलिए क्योंकि कलेक्टर किसी महत्वपूर्ण मीटिंग में थे। एसडीएम ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं माने। बातचीत के दौरान एबीवीपी का एक छात्र एसडीएम की रिकॉर्डिंग करने लगा तो एसडीएम ने उसका मोबाइल छीनने का प्रयास किया। थोड़ी देर झूमाझपटी भी हुई, लेकिन बाद में मामला शांत हो गया। बड़ी मुश्किल से यह छात्र अपर कलेक्टर मीना मसराम को ज्ञापन देने पर सहमत हुए और उसके बाद उन्होंने ज्ञापन दिया।

छात्रों का कहना था कि शिक्षण संस्थानों में कई तरह की असुविधा है। कॉलेज में स्टॉफ की कमी के कारण ठीक से पढ़ाई नहीं होती। सरकारी छात्रावास में बच्चों को बेहतर भोजन नहीं मिलता, उन्हें स्वच्छ पानी पीने नहीं मिलता, उसकी व्यवस्था की जाए। इसके अलावा कई जगह जर्जर स्कूल भवनों में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं उन भवनों को गिराकर नए भवनों का निर्माण कराया जाए। इस तरह की कई मांग लेकर एबीवीपी के छात्र कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। हालांकि, कलेक्टर के ज्ञापन लेने के लिए न आने को लेकर छात्रों में रोष था। उन्होंने कहा कि हम जिले भर से यहां पहुंच गए और कलेक्टर चंद सीढ़ियों से उतरकर नीचे नहीं आ रहे। इस बात का उन्हें खेद है। बाद में ज्ञापन देने के बाद सभी छात्र वहां से वापस चले गए।

सुरक्षा के लिए बुलाई पुलिस

कलेक्टर को ज्ञापन देने की जिद पर अड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य काफी आक्रामक हो गए और उन्होंने तेज नारेबाजी शुरू कर दी। माहौल बिगड़ता देख मौके पर मौजूद कोतवाली टीआई आनंद राज ने अतिरिक्त पुलिसकर्मी मौके पर बुलाए, ताकि सुरक्षा व्यवस्था बेहतर बनाई जा सके। हालांकि बातचीत से मामला शांत हो गया।

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