जम्मू: कटड़ा में डीसी के आश्वासन पर पिठ्ठू, घोड़ा और पालकी वालों की हड़ताल खत्म
डीसी के आश्वासन पर माता वैष्णो देवी भवन मार्ग पर चरण पादुका के पास पंचायत पुराना दारूड़ के कारोबारियों सहित घोड़ा, पिट्ठू और पालकी वालों की हड़ताल समाप्त हो गई है। इससे पहले दिन में काफी हंगामा हुआ।
हड़ताल के चौथे दिन जुलूस की शक्ल में दो गुट सामने आए। चार दिन से शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वालों का एक गुट था। इसको शिव सेना का समर्थन रहा। वहीं सोमवार को दूसरे गुट के हजारों लोग भवन मार्ग पर श्रीधर चौक पहुंचे और उन्होंने सीआरपीएफ के वाहन का शीशा तोड़ डाला। उसके बाद धक्कामुक्की शुरू हुई। साथ ही पुलिस पर पत्थरबाजी भी शुरू हो गई। इसमें थाना प्रभारी चमन गोरखा और एक अंगरक्षक घायल हो गए। इसके बाद मौके पर एसएसपी और डीसी पहुंचे। उन्हाेंने दोनों गुटों काे बुलाकर उनसे बात कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। उसके बाद प्रदर्शनकारी हड़ताल वापस लेकर काम पर चले गए।
पिछले तीन दिन से भवन मार्ग के पारंपरिक मार्ग पर चरण पादुका के पास पंचायत पुराना दारूड़ के निवासियों, व्यापारी वर्ग सहित घोड़ा, पिठ्ठू सहित पालकी का कार्य करने वाले धरना प्रदर्शन कर रहे थे। उससे पहले हजारों की संख्या में भवन मार्ग पर कार्य करने वाले मजदूर इकट्ठे होकर नेता भूपेंद्र सिंह के साथ श्रीधर चौक पहुंचे। इस बीच सीआरपीएफ का वाहन अपने जवानों को लेकर जा रहा था कि उस पर हमला कर उसका आगे का शीशा तोड़ डाला गया।
उसके साथ ही पुलिस पहुंची और उन्हें रोकने की कोशिश की गई। उसके साथ ही भीड़ उग्र हो गई और उसने पुलिस पर हमला कर दिया। उन्होंने वहां मौजूद थाना प्रभारी पर ईंट पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। इस कारण थाना प्रभारी को चोट आई। एक अंग रक्षक भी घायल हो गया। उसके बाद मौके पर सीआरपीएफ के जवान बुलाए गए। वे टियर गैस के गोलों सहित लाठी डंडे लेकर मौजूद थे। मौके पर पहुंचे डीसी व एसएसपी रियासी ने पत्थरबाजी करने वाले मजदूरों के नेता भूपेंद्र सिंह को बुलाया और बात की। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 15 दिसंबर तक काम को बंद किया जाए और उनकी बात उच्च अधिकारी व उपराज्यपाल से करवाई जाए। अगर रोपवे लगना है तो मजदूरों को मुआवजा दिया जाए। इस पर डीसी ने उनको इस बात का आश्वासन दिया कि वह उनकी बात करवाएंगे।
वहीं पहले वाले गुट के पास एसएसपी प्रमिंद्र सिंह और डीसी पहुंचे और उनसे भी बात की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने हर अधिकारी और नेता को ज्ञापन सौंपा है। सीईओ को जब ज्ञापन सौंपा गया तो उनकी हमसे बात हुई थी कि हम लोग 15 दिन के लिए काम बंद कर आपकी बात उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से करवाएंगे। उसके बाद काम शुरू किया जाएगा लेकिन उप राज्य पाल वापस चले गए और उनकी बात नहीं करवाई। उसके बाद उन्होंने हड़ताल का निर्णय किया। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर वे अपनी हड़ताल खोल रहे हैं।