वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन स्कीम को मंजूरी, डेढ़ करोड़ छात्रों को मिलेगा लाभ

 सरकार ने शोध और इनोवेशन को रफ्तार देने के लिए दो और नई घोषणाएं की हैं। इनमें पहला छात्रों-शिक्षकों तक दुनियाभर के शोध पत्रों और जर्नल की पहुंच को आसान बनाने के लिए वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन स्कीम है। इसके चलते छात्रों को अब दुनियाभर के शोध पत्रों और जर्नल की तलाश के लिए भटकना नहीं होगा, बल्कि उन्हें यह सारा कुछ एक जगह पर ही मिल जाएगा। इस स्कीम पर अगले तीन सालों में छह हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।

अटल इनोवेशन मिशन का नया चरण शुरू

दूसरा बड़ा एलान अटल इनोवेशन मिशन के नए चरण को शुरू करने को लेकर है। इसके तहत 30 ऐसे नए इनोवेशन सेंटर स्थापित होंगे, जिसमें भाषा का कोई बंधन नहीं होगा। यानी कोई भी छात्र यहां स्थानीय भाषा में भी काम कर सकेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन दोनों पहलों से छात्रों और युवाओं को शोध व इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

शिक्षण संस्थानों को जोड़ा जाएगा

उन्होंने बताया कि वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन स्कीम से देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों और शोध संस्थानों को जोड़ा जाएगा। इस स्कीम के तहत उन्हें दुनियाभर के सभी शोध पत्र व जर्नल मुहैया कराए जाएंगे। इसमें कुल 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पत्रिका प्रकाशकों को शामिल किया गया है। इन प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित लगभग 13,000 ई-पत्रिकाएं अब 6,300 से अधिक सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों व केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के लिए सुलभ होंगी।

अटल इनोवेशन मिशन पर खर्च होंगे 2,750 करोड़

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने इसके साथ ही अटल इनोवेशन मिशन के नए चरण को भी शुरू करने की मंजूरी दी है। इसके तहत देश में 30 नए ऐसे इनोवेशन सेंटर खोले जाएंगे, जहां किसी भी स्थानीय भाषा के छात्र आकर इनोवेशन से जुड़ा काम कर सकते हैं। इस मिशन पर सरकार 2,750 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर व पूर्वोत्तर के राज्यों में भी करीब एक हजार नए इनोवेशन लैब स्थापित किए जाएंगे। इस मिशन के तहत इनोवेशन की ब्रांडिंग भी की जाएगी।

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