अमेरिका और केन्या के बाद बांग्लादेश में अडाणी ग्रुप को झटका

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं। अमेरिका के न्यूयार्क स्थित पूर्वी जिला अदालत के माध्यम से भेजे गए नोटिस के बाद अब बांग्लादेश ने भी अदाणी समूह से जुड़े एक प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा एलान किया है। बांग्लादेश ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार द्वारा अदाणी समूह सहित विभिन्न व्यापारिक समूहों के साथ हस्ताक्षरित बिजली समझौतों की जांच के लिए एक एजेंसी नियुक्त करने की सिफारिश की है।

अंतरिम सरकार ने एक समीक्षा समिति का गठन किया था, जिसने रविवार को यह सिफारिश की है। समिति सात प्रमुख ऊर्जा और बिजली परियोजनाओं की समीक्षा कर रही थी। इसमें अदाणी (गोड्डा) बीआइएफपीसीएल 1234.4 मेगावाट कोयला आधारित संयंत्र भी शामिल है। यह अदाणी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। इसमें एक चीनी कंपनी और बाकी बांग्लादेशी व्यापार समूहों की कंपनियां शामिल हैं।

बांग्लादेश के लिए गोड्डा में स्थापित किया थर्मल प्लांट

कुछ समय पहले 800 मिलियन डॉलर का बकाया नहीं चुकाए जाने के बाद अदाणी समूह ने बांग्लादेश सरकार को पत्र लिखा था। बांग्लादेश के विद्युत विकास बोर्ड ने कहा था कि 150 मिलियन डॉलर का भुगतान कर दिया गया है और जल्द ही पूरा भुगतान किए जाने की उम्मीद है।

अदाणी का गोड्डा थर्मल प्लांट विशेष रूप से बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति करने के लिए स्थापित किया गया था। हाल ही में भारत सरकार ने एक कानून में बदलाव किया है, जिससे कंपनी को इस संयंत्र की बिजली घरेलू बाजार में बेचने की इजाजत मिल गई है।

अमेरिका ने लगाया घूस देने का आरोप

अमेरिका की डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने अदाणी समूह पर भारत में बिजली समझौते में करोड़ों रुपये घूस देने का आरोप लगाया। इसके बाद अदाणी समूह की कंपनी अदाणी रिन्यूबल इनर्जी लिमिटेड ने 60 करोड़ डॉलर के अपने बांड्स इश्यू को रद कर दिया। अमेरिका के आरोप के तुरंत बंद ही केन्या ने भी अदाणी समूह की एयरपोर्ट परियोजना को भी रद करने का एलान किया था। इसकी घोषणा केन्या के राष्ट्रपति विलयम रुटो ने संसद के संयुक्त अधिवेशन में की थी।

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