दिल्ली: एम्स में घटेगा एमआरआई के लिए इंतजार, आएगी दो नई मशीन
वृद्धजन केंद्र में यह पहली एमआरआई की मशीन होगी। इसके लगने के बाद इस सेंटर में इलाज करवाने आ रहे बुजुर्गों को दूसरे केंद्रों में नहीं जाना होगा। वहीं दूसरी मशीन एनएमआर में लगेगी।
एम्स में इलाज करवाने आ रहे मरीजों के लिए एमआरआई करवाने का इंतजार जल्द कम होगा। मरीजों की सुविधा के लिए अत्याधुनिक 3 टेस्ला की दो नई एमआरआई मशीन एम्स में आएगी। इन मशीनों को वृद्धजन केंद्र और न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (एनएमआर) विभाग में लगाया जाएगा।
वृद्धजन केंद्र में यह पहली एमआरआई की मशीन होगी। इसके लगने के बाद इस सेंटर में इलाज करवाने आ रहे बुजुर्गों को दूसरे केंद्रों में नहीं जाना होगा। वहीं दूसरी मशीन एनएमआर में लगेगी। यहां अभी तक करीब तीन मशीन थी। नई मशीन आने के बाद इनकी संख्या बढ़कर चार हो जाएगी।
एम्स के मीडिया विभाग की प्रमुख डॉ. रीमा दादा ने कहा कि यह दोनों मशीन अत्याधुनिक 3 टेस्ला एमआरआई है। इनकी मदद से मरीजों को बेहतर सुविधा मिल पाएगी। एम्स में एमआरआई की सुविधा 24 घंटे कर दी गई है। दो नई मशीन आने के बाद जांच के लिए समय काफी कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एमआरआई स्कैन में गंभीर रूप से बीमार लोगों को प्राथमिकता दिया जाता है। साथ ही कोशिश रहती है कि दूसरे मरीजों को भी कम से कम इंतजार करना पड़े। नई मशीन आने से उम्मीद है कि मौजूदा सुविधा में विस्तार होगा।
उन्होंने कहा कि एम्स मरीजों के इलाज और देखभाल को बेहतर बनाने के लिए लगातार नवाचार को बढ़ा रहा है। यहां हर दिन करीब 15 हजार मरीजों को ओपीडी में देखा जाता है। इनमें से काफी मरीजों को एमआरआई स्कैन की जरूरत पड़ी है। इसके अलावा एम्स के स्मॉट लैब में रोजाना करीब एक लाख खून की जांच (डायग्नोस्टिक जांच) होती हैं।
ऐसे में एम्स के निदेशक डॉ एम श्रीनिवासन के निर्देश पर सुविधाओं को बेहतर बनाने व मरीजों के इंतजार को कम करने के लिए सभी सात एमआरआई स्कैनर को 24 घंटे सातों दिन चलाने का आदेश दिया था। साथ ही 24 घंटे रोगी देखभाल और समय पर डायग्नोस्टिक सेवाएं सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया गया। आदेश के बाद प्रति एमआरआई स्कैनर पर करीब 30 मरीजों की जांच हो रही है।
डॉ. दादा ने कहा कि आपातकालीन मरीजों को कुछ घंटों में और अस्पताल में भर्ती मरीजों को 48 घंटों के भीतर स्कैन की सुविधा मिल जाती है। जबकि गंभीर स्थिति वाले ओपीडी के मरीजों को क्लिनिको-रेडियोलॉजिकल मीटिंग के माध्यम से 2-4 सप्ताह के भीतर स्कैन मिल जाता है। नई मशीन की सुविधा शुरू होने के बाद इस इंतजार में भी कुछ कमी की उम्मीद है।