SEBI ने अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी आरोपों की जांच शुरू की

भारत में शेयर बाजार के नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी आरोपों की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, SEBI अडानी समूह द्वारा भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों को झूठे बयान देने और अमेरिकी जांच के बारे में जानकारी का खुलासा न करने की बात की जांच कर रहा है।

अडानी ग्रीन एनर्जी के कम्युनिकेशन की जांच

SEBI ने अडानी ग्रीन एनर्जी के कम्यूनिकेशन को लेकर भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों से जानकारी मांगी है। इस जानकारी के आधार पर औपचारिक जांच की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अमेरिकी अधिकारियों ने अडानी समूह पर आरोप लगाया है कि उसने अमेरिकी भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के उल्लंघन की जांच के बारे में गलत बयान दिए हैं।

अडानी समूह का इनकार

अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वह कानूनी उपायों पर विचार कर रहा है। SEBI का आरोप है कि अडानी समूह ने महत्वपूर्ण मूल्य-संवेदनशील जानकारी का खुलासा नहीं किया, जो नियामक उल्लंघन हो सकता है।

LODR का उल्लंघन?

कंपनियों को ऐसी जानकारी का खुलासा करना होता है, जो शेयर की कीमत पर असर डाल सकती हो। इस मामले में, अमेरिकी जांच के खुलासे को LODR (लिस्टिंग ऑब्लिगेशन्स एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) के तहत महत्वपूर्ण घटना माना जा सकता है। अगर इसे सार्वजनिक नहीं किया गया, तो इसे उल्लंघन माना जा सकता है।

धोखाधड़ी का आरोप

अगर अडानी समूह ने जानबूझकर जांच के बारे में जानकारी छिपाई, तो इसे धोखाधड़ी माना जा सकता है। SEBI ऐसे मामलों में मौद्रिक दंड लगा सकता है।

अमेरिका में आरोप

अमेरिका में अडानी समूह पर 265 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी योजना का आरोप है, जिसका उद्देश्य राज्य बिजली वितरण कंपनियों से महंगी सौर ऊर्जा खरीदवाना था। आरोप है कि अडानी समूह ने अमेरिकी जांच को छुपाकर निवेशकों से जानकारी छिपाई।

पहली जांच

इससे पहले हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के खिलाफ स्टॉक मूल्य हेरफेर, मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोपों की रिपोर्ट के बाद SEBI ने अडानी समूह के खिलाफ जांच शुरू की थी।

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