4 माह के जुड़वा बच्चों की मौत की गुत्थी सुलझाने कब्र से निकाले शव!

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के मदीना कॉलोनी में पानी की टंकी में गिरे 4 महीने के जुड़वा बच्चों की मौत के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को लेकर मिल्लत नगर स्थित नूरानी कब्रिस्तान पहुंची। यहां दफनाये गए दोनों जुड़वा बच्चों के शव गड्ढे से बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए रतलाम मेडिकल कॉलेज भेजे गए। बता दें कि दोनों मासूम जुड़वा बच्चों की मौत को लेकर पुलिस हत्या की आशंका के चलते जांच कर रही है। पुलिस पूरे मामले में हादसा या हत्या के सवाल को सुलझाने के लिए एक दर्जन से अधिक अलग- अलग बिंदुओं पर जांच में जुटी है। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने घर पहुंचकर सीन रीक्रिएट किया और घर का मौका मुआयना भी किया।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार लहसुन-प्याज मंडी में हम्माली करने वाले आमिर कुरैशी ने पुलिस को बताया कि मैं मदीना कॉलोनी में इशाक खान के मकान की पहली मंजिल पर किराये से रहता हूं। बुधवार दोपहर 2 बजे मेरी पत्नी मुस्कान उर्फ पम्मी का कॉल आया कि दोनों बच्चे पानी की टंकी में डूब गए। जब मैं घर पहुंचा तो 4 महीने के जुड़वा बच्चे हसन और फातिमा दोनों 4 फीट ऊंची प्लास्टिक की पानी की टंकी में डूबे हुए थे। पत्नी ने बताया कि दोपहर 1.30 बजे वह दोनों बच्चों को कंधे पर उठाकर धूप में खड़ी थी और पास में ही रखी पानी की टंकी का ढक्कन खुला था। मुझे चक्कर आए तो एक बच्चा उछलकर टंकी में गिर गया, मैं उसे निकालने गई तो दूसरा बच्चा भी टंकी में गिर गया। ये देखकर मैं बेहोश हो गई और जब कुछ देर बाद होश आया तो आपको कॉल किया। पति ने बताया कि दोनों बच्चे मर चुके थे इसलिए मैं उन्हें शेरानीपुरा स्थित अपने पिता के घर ले गया और वहां परिजन ने मिलकर दोनों को नूरानी कब्रिस्तान में दफना दिया था।

पुलिस के अनुसार दोनों बच्चे मां के हाथ से छूटकर पानी की टंकी में गिरे थे। मर्ग दर्ज किया गया था लेकिन सभी एंगल पर जांच की जा रही है। प्रशासन को सूचना देकर कब्रिस्तान से दोनों बच्चों के शव निकालकर पीएम करवाया जा रहा है।

शक इसलिए गहराया कि बड़ी बेटी भी गिर चुकी है टंकी में

पूरे घटनाक्रम में खास बात यह है कि आमिर की 4 साल की बड़ी बेटी अक्षा जब 7 महीने की थी तब वह भी घर में पानी की टंकी में गिर गई थी। उस वक्त परिजन ने बचा लिया था। उस समय परिवार कुरैशी मंडी में रहता था। बड़ी बेटी अक्षा दो महीने पहले गैस के पास खड़ी थी तब आग की चपेट में आ गई थी, तब भी परिजन को आशंका हुई थी कि किसी ने उसे जला तो नहीं दिया। कम जलने से वह सुरक्षित है। पति आमिर का कहना है कि मेरी पत्नी को हवा का असर (दिमागी परेशानी) है। वह बार- बार बेहोश हो जाती है।

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