मार्गशीर्ष माह में इस सरल विधि से करें तुलसी की पूजा

जगत के पालनहार भगवान विष्णु Lord Vishnu) को तुलसी बेहद प्रिय है। इसलिए उनके भोग में तुलसी के पत्ते शामिल किए जाते हैं। इस पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रोजाना विधिपूर्वक तुलसी के पौधे की पूजा करने से जातक को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं। इसके अलावा जातक और उसके परिवार के सदस्यों को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। अगर आप भी जीवन में धन में वृद्धि चाहते हैं, तो मार्गशीर्ष माह में रोजाना तुलसी के पौधे की पूजा-अर्चना करें। साथ ही सच्चे मन से मंत्रों का जप करें। माना जाता है कि ऐसा करने से धन और अन्न के भंडार भरे रहते हैं। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे तुलसी पूजा (Tulsi Puja Vidhi in Hindi) की सरल विधि और लाभ के बारे में।  

तुलसी पूजा की विधि

मार्गशीर्ष माह में ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवताओं के ध्यान से करें।

इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।

मंदिर की साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।

इसके बाद देवी-देवताओं की विधिपूर्वक उपासना करें।  

अब देसी घी का दीपक जलाकर तुलसी के पौधे की उपासना करें।

कुमकुम का तिलक लगाएं।

पौधे को चुनरी और फूलों की माला चढ़ाएं।

फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।  

विधिपूर्वक तुलसी माता की आरती करें और मंत्रों का जप करें।

इसके बाद सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए कामना करें।

लोगों में दान करें। मान्यता है कि श्रद्धा अनुसार दान करने से जातक को जीवन में अन्न और धन की कमी नहीं होती है।  

तुलसी पूजा से मिलते हैं ये लाभ

धार्मिक मान्यता है कि तुसली पूजा करने से धन में वृदि होती है।  

इसके अलावा साधक को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

घर में सदैव खुशियों का आगमन होता है।

सभी तरह के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है।

बुरी शक्तियां दूर होती हैं।

इस उपाय से वैवाहिक जीवन होगा खुशहाल

वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा-अर्चना करें। इसके बाद वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए तुलसी माता से कामना करें। ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से वैवाहिक जीवन सदैव खुशहाल होता है और पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं।  

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