ITR: इस जानकारी को छिपाने पर लगेगा 10 लाख रुपये का जुर्माना

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय सभी जानकारियां ठीक-ठीक देनी चाहिए। लेकिन, कई बार करदाता कुछ जानकारियों को गैर-जरूरी मानकर जाने-अनजाने में छिपा लेते हैं। ऐसा करना काफी महंगा पड़ सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसके लिए करदाताओं पर भारी-भरकम जुर्माना भी लगा सकता है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स को आगाह किया है कि आईटीआर में विदेश में स्थित संपत्ति या विदेश में अर्जित आय की जानकारी नहीं देने पर काला धन विरोधी कानून के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है। डिपार्टमेंट ने एक सार्वजनिक परामर्श भी जारी किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि करदाता असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए अपने आईटीआर में ऐसी जानकारी दर्ज करें।

किस तरह की कमाई की देनी होगी जानकारी

परामर्श में स्पष्ट किया गया है कि भारत के निवासी के लिए विदेशी परिसंपत्ति में बैंक खाते, नकद मूल्य बीमा अनुबंध या वार्षिकी अनुबंध, किसी इकाई या व्यवसाय में वित्तीय हित, अचल संपत्ति, अभिरक्षक खाता, इक्विटी और ऋण हित, ट्रस्ट जिसमें व्यक्ति ट्रस्टी है, सेटलर का लाभार्थी, हस्ताक्षर प्राधिकारी वाले खाते, विदेश में रखी गई कोई पूंजीगत परिसंपत्ति आदि शामिल हैं।

विभाग ने कहा कि इस मानदंड के अंतर्गत आने वाले करदाताओं को अपने आईटीआर में फॉरेन असेट (एफए) या विदेशी स्त्रोत से आय (एफएसआई) अनुसूची को अनिवार्य रूप से भरना होगा, भले ही उनकी आय कर योग्य सीमा से कम हो या विदेश में संपत्ति प्रकट स्त्रोतों से अर्जित की गई हो।

करदाताओं को मेल भेजेगा आयकर विभाग

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए प्रशासनिक निकाय-केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा था कि अभियान के तहत वह उन करदाताओं को सूचनात्मक एसएमएस और ईमेल भेजेगा, जिन्होंने पहले ही आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपना आईटीआर दाखिल कर दिया है। इससे उन्हें अपनी गलती को सुधारने का मौका मिल सकेगा और वे नियमों के मुताबिक जरूरी जानकारी दे सकेंग।

यह एसएमएस और ईमेल ऐसे व्यक्तियों को भेजा जाएगा, जिनकी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के तहत प्राप्त जानकारी के माध्यम से पहचान की गई है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि ये व्यक्ति विदेशी खाते या संपत्ति रख सकते हैं या विदेशी क्षेत्राधिकार से आय प्राप्त कर चुके हैं। देर से एवं संशोधित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।

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