एमपी: बांधवगढ़ नेशनल पार्क में अब चीतल का शिकार

मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क में वन्यजीवों के शिकार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में पतौर रेंज के बमेरा बीट क्षेत्र में चीतल के एक शावक के शिकार का मामला सामने आया है। शिकारियों ने अवैध रूप से पार्क में प्रवेश कर पालतू कुत्तों से शावक पर हमला करवाया और उसे मारने के बाद उसका मांस काटकर अपने साथ ले गए। 

इस मामले में विभाग ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क के उप संचालक पी.के. वर्मा ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने पर पनपथा के उप वनमंडलाधिकारी बी.एस. उप्पल के मार्गदर्शन और परिक्षेत्र अधिकारी अर्पित मैराल के नेतृत्व में एक टीम मौके पर रवाना की गई। जांच के दौरान यह पता चला कि शिकारी पतमन हार क्षेत्र में अवैध रूप से घुसे थे। उन्होंने बताया कि मामले में रामलाल बैगा पिता स्व. बंगाली बैगा, उम्र 40 वर्ष साकिन उमरिया बकेली, कमलेश बैगा पिता लल्ला वैगा उम्र 35 वर्ष साकिन उमरिया बकेली, छोटेलाल लोनी पिता नर्वदा लोनी उम्र 40 वर्ष साकिन उमरिया बकेली को चीतल के पके हुए मांस के साथ पकड़ा गया है।

कुत्ते से कराया शिकार
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने कुत्तों का इस्तेमाल कर चीतल के शावक को दौड़ाकर मारा और फिर उसका मांस काटकर ले गए। घटना में शामिल आरोपियों को पकड़ने में परिक्षेत्र अधिकारी अर्पित मैराल और उनकी टीम, जिसमें सहायक संतोष कुमार चतुर्वेदी, वनरक्षक योगेश कुमार पाण्डेय, वीरेन्द्र कुमार पटेल, डी. रज्जू सिंह पेन्द्रे और कैलाश प्रसाद चौधरी शामिल थे, का अहम योगदान रहा।

लगातार कम हो रहे जंगली जानवर
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में यह घटना वन्यजीव सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है। इससे पहले 11 हाथियों की संदिग्ध मौत और एक घायल तेंदुए की उपचार के दौरान मृत्यु जैसी घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। वन विभाग ने मामले की जांच तेज कर दी है और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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