कानपुर : डफरिन का एसएनसीयू एक अग्निशमन यंत्र के भरोसे, दो साल से बन रहा फायर फाइटिंग सिस्टम
कानपुर में डफरिन अस्पताल के एसएनसीयू में फायर सिस्टम के नाम पर सिर्फ एक अग्निशमन यंत्र है। वहीं उर्सला अस्पताल में अगर आग लगी तो पानी मिलना मुश्किल है। फायर बॉक्स में वॉटर पाइप ही नहीं है। मुख्य पाइप में नोजल भी नहीं लगा। उर्सला में फायर फाइटिंग सिस्टम का कार्य अब पूरा नहीं हुआ है। कार्यदायी संस्था ने अस्पताल को फायर सेफ्टी सिस्टम हैंडओवर नहीं किया।
डफरिन अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रुचि जैन ने बताया कि अस्पताल में 41 अग्निशमन यंत्र हैं, जिनमें से सभी क्रियाशील हैं। एसएनसीयू में और लगवा देंगे। उर्सला और डफरिन में फायर फाइटिंग सिस्टम की कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद है। दो साल से काम चल रहा है। अभी कुछ कार्य बाकी हैं। उर्सला निदेशक डॉ. एच डी अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में आग बुझाने के लिए हमारे पास अग्निशमन यंत्र हैं।
दो साल से फायर फाइटिंग सिस्टम का निर्माण हो रहा है। कई बार परिषद को पत्र लिखकर भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक हैंडओवर नहीं हुआ है। वहीं झांसी में हुई घटना के बाद डफरिन अस्पताल की प्रबंधक डॉ. दरख्शा॒ ने अग्निशमन यंत्र की जांच की। सभी सही निकले। दूसरी तरफ बिरहाना रोड स्थित केपीएम अस्पताल में भी फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है। सीएमएस डॉ. आर सी यादव ने बताया कि अस्पताल में 25 अग्निशमन यंत्र हैं।