जम्मू-कश्मीर: पंचायत चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने शुरू की तैयारियां
नए साल के शुरू में प्रस्तावित पंचायत चुनाव के लिए सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दल पंचायत चुनाव को पूरी तरह से कैश करने के मूड में हैं। इसमें जहां भाजपा अपने साथ लाखों नए सदस्यों को जोड़कर जनाधार बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है तो वहीं सत्तापक्ष में नेकां जम्मू के लोगों के बीच पहुंचकर उनके हक और हितों की बात कर रही है। कांग्रेस ने भी जल्द संगठन फेरबदल के बाद राजनीतिक गतिविधियां तेज करने के संकेत दिए हैं।
भाजपा के जनसंपर्क अभियान के प्रभारी असीम गुप्ता ने दावा किया है कि हाल ही में शुरू किए गए पार्टी के सदस्यता अभियान में अब तक करीब डेढ़ लाख नए सदस्य जुड़ चुके हैं। रोजाना औसतन दस हजार ने सदस्य जुड़ रहे हैं। आगामी 17, 24 नवंबर तथा एक दिसंबर को महा अटल संपर्क अभियान में पार्टी के सांसद, विधायक और शीर्ष कैडर डोर-टू-डोर लोगों तक पहुंचकर उन्हें अपनी नीतियों और उपलब्धियों से अवगत करवाएंगे। जम्मू-कश्मीर में हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक वोट शेयर हासिल हुआ है। हमें उम्मीद है कि आगामी पंचायत चुनाव में भी जनाधार और मजबूत होगा। सत्तापक्ष में उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी के साथ मंत्रिमंडल के सदस्य सतीश शर्मा ने जम्मू संभाग में कमान संभाली है।
उपमुख्यमंत्री दो बार पार्टी मुख्यालय शेर-ए-कश्मीर भवन जम्मू में पहुंचकर लोगों और कार्यकर्ताओं से जुड़ चुके हैं। वह भी जम्मू के हितों के लिए लड़ते रहने की बात कर रहे हैं। उन्होंने जम्मू के लोगों को आश्वस्त किया है कि सचिवालय में उनकी समस्याओं के लिए हमेशा दरवाजे खुले रहेंगे।
इसके साथ जम्मू-कश्मीर के लोगों की जमीन और नौकरी के हक का मुद्दा भी कायम रखा है। गत दिवस कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने भी जम्मू पार्टी मुख्यालय में शीर्ष कैडर के साथ बैठक कर संगठन गतिविधियों और आगामी चुनाव पर चर्चा की थी। विधानसभा चुनाव में नेकां ने सर्वाधिक 42, भाजपा ने 29 और कांग्रेस ने छह सीटें हासिल की थीं।
मतदाताओं के लिए 16 नवंबर से विशेष शिविर
जम्मू-कश्मीर में पंचायत मतदाता सूची, 2025 के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी है। इसमें सभी प्रक्रियाएं पूरी करके छह जनवरी, 2025 को अंतिम मतदाता सूची जारी की जानी है। इस बीच 16, 17, 23, 24 नवंबर और एक दिसंबर को मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की सुविधा के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। पंचायत चुनाव बूथ अधिकारी (पीईबीओ यानी वीएलडब्ल्यू/एमपीडीबल्यू आईजीआरएस) विधानसभा बीएलओ के साथ मतदाताओं के मार्गदर्शन के लिए आवश्यक फार्म और पंचायत रोल के साथ मतदान बूथ स्थानों पर उपलब्ध रहेंगे। इसके साथ ओबीसी आरक्षण पर भी काम हो रहा है।