आगरा के AQI में खेल: हरकत में आया प्रशासन, हटाया स्प्रिंकलर
आगरा में सांसों के साथ हो रहे छलावे का अमर उजाला ने मंगलवार को खुलासा किया तो प्रदूषण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार अफसर हरकत में आए। सुबह ही संजय प्लेस ऑटोमेटिक स्टेशन देखने जा पहुंचे। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी ने प्रदूषण मापने वाले उपकरणों की जांच की। पर्यावरण अभियंता को स्प्रिंकलर हटाने के निर्देश दिए, जिसे मंगलवार को ही हटा दिया गया।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. विश्वनाथ शर्मा ने ऑटोमेटिक स्टेशन का सुबह ही निरीक्षण किया। उन्होंने छत पर लगे उपकरणों को देखा और स्प्रिंकलर की दिशा और पानी के लिए लगाई गई टंकी पर आपत्ति जताई। उन्होंने पर्यावरण अभियंता से कहा कि इसे तत्काल हटवाया जाए।
28 वाहनों से दिन भर कराया छिड़काव
सुबह से लेकर शाम तक शहर की सड़कों पर स्प्रिंकलर चलाए गए और पौधों पर जमा धूल और सड़क की धुलाई की गई। पानी के 12 बड़े टैंकर, 14 टेंपो और दो ट्रैक्टर टैंकर की मदद से पानी का छिड़काव किया गया। सड़कों की धुलाई के साथ डिवाइडर के किनारे जमा हुई धूल को रोड स्वीपिंग मशीन से हटवाया गया और पानी का छिड़काव किया गया। गमलों, फुटपाथ, डिवाइडर तक की धुलाई पूरे दिन जारी रही।
निरीक्षण किया
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि ‘मैंने ऑटोमेटिक स्टेशन का निरीक्षण किया था। मुझे बताया गया कि दीवार पर जो वर्टिकल गार्डन लगाया गया है, उन पौधों को पानी देने के लिए टंकी और स्प्रिंकलर लगाए गए थे। मैंने उन्हें यह सब हटाने के लिए निर्देश दिए हैं।’
एक्स से लेकर सोशल मीडिया पर उठा मुद्दा
आगरा में वायु प्रदूषण से निपटने का यह तरीका अमर उजाला ने जब प्रकाशित किया तो सोशल मीडिया पर एक्स, फेसबुक से लेकर इंस्टाग्राम पर खबर के फोटो, वीडियो प्रसारित होने लगे। लाखों की संख्या में लोगों ने इस पर कमेंट किए और वीडियो को आगे बढ़ाया। एक्स पर यूजर सचिन गुप्ता ने लिखा कि यूपी में प्रदूषण कैसे कंट्रोल होता है। कृत्रिम बारिश से यंत्रों को एयर क्वालिटी ठीक दिखे और कागजों में पूरा शहर क्लीन रहे। उनकी पोस्ट पर लोगों ने लगातार कमेंट किए।
पर्यावरण अभियंता पर उठे सवाल
नगर निगम में जिस जगह पर ऑटोमेटिक स्टेशन लगाया गया है, वहां पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण का ऑफिस भी है। वह ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के लिए निगम के नोडल अधिकारी भी हैं, ऐसे में उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। एक्यूआई बढ़ने पर उनकी जिम्मेदारियां ग्रैप में तय हैं। पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता ने कहा कि इस मामले में टीटीजेड चेयरमैन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।