हरियाणा में इस बार पराली जलाने के मामलों में 50 फीसद कमी

हरियाणा में 85 फीसदी धान की फसल की कटाई होने से पराली जलाने का सीजन लगभग खत्म होने के कगार पर है। कृषि विभाग व हरियाणा स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में 50 फीसदी की संभावित कमी लाने के लक्ष्य का दावा किया जा है। 

इस सीजन 15 सितंबर से 10 नवंबर तक 56 दिनों में पराली जलाने के 922 केस सामने आए हैं, जबकि साल 2023 में 10 नवंबर तक 1917 केस थे। अब तक पराली जलाने के मामलों में पिछले वर्ष के मुकाबले 51 फीसदी की कमी आई है। साल 2022 में पराली जलाने के कुल 3154 मामले आए थे। वहीं, साल 2023 में 2303 मामले आए थे, यानी 37 फीसदी कमी दर्ज हुई थी।

हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट की रवैया भी काफी सख्त रहा है। प्रदेश में पहली बार पराली जलाने पर किसानों की गिरफ्तारी और मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर रेड एंट्री की कार्रवाई हुई है। रेड एंट्री होने वाले किसान दो सीजन तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल नहीं बेच सकेंगे। अभी तक 600 से अधिक किसानों की रेड एंट्री और 300 से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।

योजना के तहत किसानों को दिया जा रहा प्रोत्साहन
हरियाणा सरकार के बेहतर पराली प्रबंधन की तस्वीर नासा के मानचित्र पर भी प्रदर्शित हो चुकी है। हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना के तहत पराली प्रबंधन के लिए किसानों को एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साथ ही किसानों को पराली को मिट्टी में मिलाने और गांठें बनाने के लिए सुपर सीडर, जीरो टिलेज मशीन, स्ट्रॉ चॉपर और हैप्पी सीडर जैसे कृषि यंत्र सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं।

एक्स सीटू प्रणाली से पराली प्रबंधन
सात जिलों में 15 जगह उद्यमी बॉयलर चलाने के लिए पराली से ईंधन बनाकर काम चलाते हैं। इसी तरह 11 जिलों में 23 जगहों पर ईंट बनाई जा रही हैं और 10 जिलों में बिजली का निर्माण कराया जाता है। यहां पर 3,51,000 मीट्रिक टन पराली की खपत है। कैथल के कांथली क्षेत्र में बिजली संयंत्र स्थापित है। जिले की 90 फीसदी पराली इसी संयंत्र में जाती है, शेष पिहोवा स्थित गत्ता फैक्टरी में भेजी जाती है। ज्यादातर पराली फैक्टरियों में बेच दी जाती है।

पांच साल में 15 सितंबर से 10 नवंबर के बीच पराली जलने के केस

साल      मामले

2020   3458
2021   4513
2022   2740
2023   1739
2024   920

Back to top button