क्यों सर्दियों में लोग ज्यादा अकेला और उदास महसूस करते हैं, जानें
सर्दियों का मौसम अपने साथ कई बदलाव लेकर आता है। इस मौसम में दिन छोटे हो जाते हैं और रातें लंबी होने लगती है। तापमान में गिरावट की वजह से कई शारीरिक बदलाव भी आते हैं। इनमें एक बदलाव यह भी है कि इस मौसम में लोग खुद को अकेला (Winter depression) और उदास (Winter Blues) महसूस करने लगते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब।
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD)
सर्दियों में उदासी महसूस करना कोई अजीब बात नहीं है। इसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का डिप्रेशन है, जो साल के कुछ खास मौसमों में होता है, खासकर सर्दियों में।
क्यों होता है SAD?
सर्दियों में SAD होने के कई कारण हो सकते हैं-
सूरज की रोशनी की कमी- सर्दियों में दिन छोटे होते हैं और सूरज की रोशनी कम मिलती है। सूरज की रोशनी हमारे मूड को प्रभावित करने वाले हार्मोन सेरोटोनिन के प्रोडक्शन में अहम भूमिका निभाती है। जब सूरज की रोशनी कम होती है तो सेरोटोनिन का स्तर भी कम हो जाता है, जिससे हम उदास महसूस कर सकते हैं।
मेलाटोनिन का बढ़ना- सूरज की रोशनी कम होने पर हमारे शरीर में मेलाटोनिन नामक हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है। यह हार्मोन नींद लाने में मदद करता है, लेकिन सर्दियों में मेलाटोनिन का प्रोडक्शन ज्यादा होने से हम ज्यादा थका हुआ महसूस कर सकते हैं और नींद भी ज्यादा आती है।
फिजिकल एक्टिविटी में कमी- सर्दियों में ठंड के कारण लोग घर के अंदर रहना पसंद करते हैं, जिससे शारीरिक गतिविधि में कमी आ जाती है। फिजिकल एक्टिविटी हमारे मूड को बेहतर बनाने में मदद करती है।
सोशल कनेक्शन में कमी- सर्दियों में लोग घर के अंदर रहने के कारण अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से कम मिल पाते हैं, जिससे सामाजिक जुड़ाव में कमी आ जाती है। सोशल कनेक्शन हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
SAD के लक्षण
SAD के कुछ सामान्य लक्षण हैं-
उदास महसूस करना
ऊर्जा का स्तर कम होना
नींद ज्यादा आना या कम आना
भूख में बदलाव
वजन बढ़ना
चिड़चिड़ापन
फोकस करने में कठिनाई
सोशल कनेक्शन में रुचि कम होना
SAD से कैसे निपटा जाए?
SAD से निपटने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं-
लाइट थेरेपी- लाइट थेरेपी में एक खास प्रकार की रोशनी का इस्तेमाल किया जाता है, जो सूरज की रोशनी जैसी होती है। यह सेरोटोनिन के प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद करती है।
शारीरिक गतिविधि- नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से आपका मूड बेहतर हो सकता है और एनर्जी का स्तर बढ़ सकता है।
हेल्दी डाइट- स्वस्थ खाना खाने से आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और आपका मूड भी बेहतर होगा।
सोशल एक्टिविटीज में शामिल होना- दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं।
विटामिन-डी- विटामिन-डी सूरज की रोशनी से मिलता है। सर्दियों में विटामिन-डी की कमी हो सकती है, इसलिए डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन-डी की खुराक ले सकते हैं।
योग और ध्यान- योग और ध्यान करने से तनाव कम होता है और मन शांत होता है।
थेरेपिस्ट की मदद- यदि आप SAD से बहुत परेशान हैं तो किसी थेरेपिस्ट से सलाह लें।