जैसलमेर : ओरण भूमि पर नहीं लगने देंगे सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट

जैसलमेर के बईया गांव में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के लिए ओरण भूमि आवंटन के खिलाफ शिव के निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने शनिवार को धरना प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि इस भूमि को पुन: ओरण के रूप में दर्ज नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भाटी ने इस दौरान धरने में शामिल ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि यह लड़ाई किसी जाति एवं धर्म की नहीं बल्कि हमारी उस जमीन की है, जो हमें विरासत में मिली है। ओरण की भूमि पर मल्टीनेशनल कंपनी नजर लगाए हुए है और उसे प्रशासन का सहयोग मिल रहा है। 

भाटी ने कहा कि बाड़मेर-जैसलमेर की बहुत बड़े भू-भाग की ओरण एवं गोचर भूमि कंपनियों को नियम विरुद्ध तरीके से अलॉट की जा रही है। बईया गांव में जिस तरीके से दादागिरी करते हुए ओरण पर कब्जा किया जा रहा है, यदि हमने समय रहते इसे नहीं छुड़ाया यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा और हमारी आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। भाटी ने कहा कि ओरण भूमि अलॉटमेंट के लिए लाठी के जोर पर ग्रामीणों की आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस भूमि को पुन: ओरण मानकर ग्रामीणों की मांग पूरी की जाए नहीं तो संपूर्ण बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र में बड़ा आंदोलन होगा।

पहले भी हो चुके हैं आंदोलन

पश्चिमी राजस्थान में ओरण एवं गोचर भूमि पर बड़ी कंपनियों के प्रोजेक्ट्स को लेकर भूमि अलॉटमेंट या भू-माफियाओं की ओर से इन पर कब्जों के विरोध में पहले भी कई बड़े आंदोलन हो चुके हैं। इससे पूर्व पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी गोचर भूमि बचाने को लेकर एक बड़ा अभियान चला चुके हैं। इस अभियान के तहत उन्होंने बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर की गोचर भूमियों को बचाने को लेकर संबंधित जिला प्रशासन और राज्य सरकार से पुरजोर तरीके से मांग की थी। 

गौरतलब है कि बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र में तेल कंपनियां, सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा उत्पादन के बड़े प्रोजेक्ट्स लगातार रुचि दिखा रहे हैं। ऐसे में बईया गांव के ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने मिलीभगत कर ओरण भूमि को बड़े पूंजीपतियों को अलॉट कर दिया है, इससे गांव में पर्यावरण प्रदूषण के साथ गोचर में पशुओं को चरने के लिए दूर-दराज के इलाकों में जाने को मजबूर होना पड़ेगा। ग्रामीणों की मांग पर शिव के निर्दलीय विधायक इस आंदोलन में इनके समर्थन में उतर आए हैं।

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