जम्मू-कश्मीर : छह साल बाद प्रदेश सरकार पेश करेगी बजट, वित्त विभाग ने शुरू कीं तैयारियां
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में छह साल बाद प्रदेश सरकार अपना बजट पेश करेगी। इसके लिए बजट अनुमान 2025-26 और संशोधित अनुमान 2024-25 के लिए तैयारियां शुरू की गई हैं। प्रशासनिक विभागों से 20 नवंबर तक बजट अनुमान की जांच करके सिफारिशों को वित्त विभाग के पास भेजने को कहा गया है। इससे पहले 11 और 15 नवंबर तक संबंधित डीडीओ और विभागीय अध्यक्ष (एचओडी) स्तर के अधिकारी बजट की तैयारियों को पूरा करेंगे। इसमें राजस्व और पूंजी बजट शामिल होगा। संशोधित अनुमानित को सर्दियों और पूर्ण बजट को नए साल के शुरू में पेश करना प्रस्तावित है।
वित्त विभाग के प्रधान सचिव संतोष डी वैद्य की ओर से जारी एक अधिसूचना में बताया गया है कि फील्ड अधिकारियों और प्रशासनिक विभागों के लिए राजस्व बजट व पूंजी बजट के लिए बजट तैयारी फार्म, बजट आकलन, आवंटन व प्रबंधन प्रणाली (बीईएएमएस) पर उपलब्ध होंगे। सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्धारित तिथियों पर एचओडी के माध्यम से वित्त विभाग को बजट प्रस्ताव भेजने को कहा गया है।
प्राप्ति बजट के लिए पिछले पांच साल का ब्योरा मांगा गया है। इसी तरह पिछले वर्ष का व्यय, विस्तृत शीर्षकों का मानकीकरण, वेतन, स्थापना बजट, केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं (राजस्व व पूंजी), पूंजी बजट, पूंजीगत व्यय को एसडीजी के साथ जोड़ना, बजट का वर्गीकरण, लीव इनकैशमेंट, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस), वेतन, किराया-दर और कर, वाहनों की खरीद, टेलीफोन, ऋण व एडवांस, सुरक्षा संबंधी व्यय, राहत आपरेशन, लागत साझाकरण योजना, पीआरआई/यूएलबी अनुदान, लिंग संवेदनशील बजट, बजटीय देनदारियां या विभाग, सरकारी गारंटी, सहायता अनुदान, निगमों आदि की जानकारी मांगी गई है।
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद केंद्र सरकार की ओर से ही संसद में बजट पेश किया जा रहा था। वर्ष 2018 में पीडीपी-भाजपा की गठबंधन सरकार के गिर जाने से जम्मू-कश्मीर में कोई लोकतांत्रिक सरकार स्थापित नहीं थी। पिछले कुछ वर्षों में जम्मू कश्मीर के लिए बजट में लगातार वृद्धि हुई है।
वित्त विभाग के बजट आंकड़ें
वर्ष 2016-17 50197 (करोड़)
वर्ष 2017-18 54537
वर्ष 2018-19 67008
वर्ष 2023-24 108197 (संशोधित)
वर्ष 2024-25 118390 (अनुमानित)