तेलंगाना सरकार का जाति सर्वेक्षण शुरू
तेलंगाना सरकार का व्यापक सामाजिक-आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जाति सर्वेक्षण बुधवार को शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का वादा किया था। राज्य के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सर्वेक्षण को उत्पीड़न का शिकार हुए वर्गों के लिए सामाजिक न्याय और अवसरों की समानता प्राप्त करने के लिए एक यज्ञ करार दिया है।
मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने एक्स पर कही ये बात
उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि यह विशाल अभियान एक साहसिक कार्य है जो राहुल गांधी के नेतृत्व में देश के सामाजिक दृष्टिकोण को बदल देगा। रेड्डी ने राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा से भी मुलाकात की और उन्हें सर्वेक्षण के बारे में जानकारी दी। साथ ही आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार को इस सर्वेक्षण के बारे में जानकारी दें, जिससे 2025 में होने वाली राष्ट्रीय जनगणना के दौरान इसे ध्यान में रखा जा सके।
राज्य परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) कार्यालय में सर्वेक्षण शुरू किया, और नागरिकों से गणनाकर्ताओं के साथ सहयोग करने और सटीक जानकारी प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि डेटा गोपनीय रहेगा, और लक्ष्य असमानताओं को दूर करना और सभी के लिए समान न्याय सुनिश्चित करना है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिया था बैठक में भाग
राज्य के आईटी मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सर्वेक्षण से सरकार को समाज के विभिन्न वर्गों के लिए लक्षित कल्याण और विकास कार्यक्रम डिजाइन करने में मदद मिलेगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पांच नवंबर को जाति सर्वेक्षण पर तेलंगाना कांग्रेस की बैठक में भाग लिया था। साथ ही राहुल गांधी ने राज्य को जाति-आधारित डेटा संग्रह के लिए एक मॉडल बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने स्वीकार किया कि हालांकि सर्वेक्षण में कुछ शुरुआती कमियां हो सकती हैं, लेकिन इन्हें दूर किया जाएगा।
सर्वेक्षण के अलावा, सरकार ने स्थानीय निकाय आरक्षण के लिए पिछड़े वर्गों की पहचान करने के लिए अनुभवजन्य जांच करने के लिए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी बुसानी वेंकटेश्वर राव के नेतृत्व में एक सदस्यीय आयोग नियुक्त किया है।
सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में हुई थी सुनवाई
आरक्षण के लिए अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उप-वर्गीकरण की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद, तेलंगाना में पिछड़ा वर्ग (बीसी) समुदाय के नेताओं ने राज्य सरकार से बीसी के लिए एक अलग सर्वेक्षण करने का आह्वान किया है।