क्या आप भी हैं किसी के लिए सिर्फ एक बैकअप पार्टनर परफेक्ट पार्टनर नहीं मिलने पर बनते हैं ऐसे रिलेशनशिप!
मशहूर अमेरिकी टीवी सीरीज ‘फ्रेंड्स’ एक ऐसा शो है जिसे जितनी बार देखा जाए, उतना कम लगता है। कुछ साल पहले जब मैंने पहली बार इसे देखा था, तो कई बातें या तो मेरी समझ से परे थीं या फिर मुझे बेमतलब लगती थीं। हालांकि, जब मैंने इसे दोबारा देखना शुरू किया, तो मुझे एहसास हुआ कि उन बातों में कितनी गहराई है। सीरीज में एक एपिसोड ऐसा भी है जिसमें सभी छह दोस्त अपने-अपने बैकअप पार्टनर (Backup Option Relationship) के नाम बताते हैं, जो कि असल जिंदगी से काफी मेल खाता है।
क्या है Backup Partner का कॉन्सेप्ट?
“स्पेयर टायर लवर”, “स्टैंडबाई पार्टनर”, “बैकअप पार्टनर”, “रिप्लेसमेंट पार्टनर” – ये सभी शब्द उस व्यक्ति के लिए इस्तेमाल होते हैं जो किसी और के साथ रोमांटिक रिश्ते में है। ऐसा व्यक्ति किसी मौजूदा रिश्ते में होने के बावजूद, दूसरे व्यक्ति को यह फीलिंग देता है कि अगर उनका वर्तमान रिश्ता टूट गया तो यह व्यक्ति उनके लिए एक विकल्प के रूप में मौजूद रहेगा। ये शब्द इस बात को दर्शाते हैं कि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को इमोशनली सिक्योर महसूस करा रहा है, लेकिन साथ ही उन्हें एक बैकअप ऑप्शन की तरह भी देख रहा है।
कैसे बनते हैं बैकअप रिलेशनशिप?
करियर और सोशल प्रेशर के बीच संतुलन बना पाना अक्सर मुश्किल होता है। इसी कारण कई लोग अपने लिए एक ‘परफेक्ट लाइफ पार्टनर’ चुनने में नाकामयाब रह जाते हैं। वे बार-बार तरह-तरह के लोगों को डेट करते हैं, लेकिन अलग-अलग कारणों से स्थायी संबंध बनाने में सफल नहीं हो पाते। इस बीच समय बीतता जाता है और शादी करके बस जाने की उनकी चिंता बढ़ती जाती है। कुछ लोगों के लिए इस समस्या का समाधान बैकअप रिलेशनशिप में दिखाई देता है। वे अपने किसी करीबी दोस्त को बैकअप पार्टनर के रूप में चुन लेते हैं। उनके बीच यह समझ बनी हुई होती है कि अगर शादी की उम्र तक उन्हें अपने लायक कोई बेहतर जीवनसाथी नहीं मिलता तो वे एक-दूसरे से शादी कर लेंगे।
क्यों होती है बैकअप पार्टनर की जरूरत?
लोगों में इनसिक्योरिटी
आजकल के रिश्तों में तनाव और असुरक्षा आम हो गई है। कई लोग इन भावनाओं से निपटने के लिए एक बैकअप पार्टनर चुन लेते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर मौजूदा रिश्ता बिगड़ जाए तो बैकअप पार्टनर एक विकल्प के रूप में काम कर सकता है। यह प्रवृत्ति लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में और भी ज्यादा देखने को मिलती है, क्योंकि दूरी होने के कारण पार्टनर्स एक-दूसरे के करीब महसूस नहीं कर पाते और असुरक्षित महसूस करते हैं। इस तरह की इनसिक्योरिटी के कारण लोग अक्सर अपने मुख्य रिश्ते में भी शक करने लगते हैं और दूसरे विकल्प तलाशने लगते हैं।
एक से ज्यादा क्रश
एक से अधिक लोगों में दिलचस्पी रखना आजकल आम होता जा रहा है। यह सुनकर शायद आपको हैरानी हो, लेकिन यह सच है कि कई लोग एक साथ कई लोगों में दिलचस्पी रखते हैं। हालांकि, इस बात को खुलेआम स्वीकार नहीं किया जाता है, लेकिन मन ही मन ज्यादातर लोग इस बात को कूल भी समझते हैं।
बन गई है ‘प्लान बी’ की आदत
आजकल की अनिश्चित जिंदगी ने हमें हर पहलू पर सावधान रहने के लिए मजबूर कर दिया है। पहले की तरह अब कुछ भी निश्चित नहीं लगता। इस अनिश्चितता ने हमें हर काम के लिए एक ‘प्लान बी’ बनाने की आदत डाल दी है। यह आदत अब हमारे रिश्तों में भी दिखाई देने लगी है। हम हर रिश्ते में भावनात्मक रूप से पूरी तरह से जुड़ने से पहले ही एक बैकअप प्लान बना लेते हैं।