सर्दियों में बढ़ सकता हैं स्ट्रोक का खतरा, जानें बचाव के उपाय!
गर्मी जाते ही सर्दी के मौसम की शुरुआत हो जोती है। अब, जबकि नवम्बर का महीना आ गया है। धीरे-धीरे गुलाबी ठंड दस्तक देने लगी है। यह मौसम खाने-पीने, धूप सेंकने के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है इसलिए लोग इसका बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। लेकिन, ठंड अपने साथ कई गंभीर बीमारियां भी लेकर आती है। इसमें से स्ट्रोक भी एक हैं। बता दें, ठंड की वजह से ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं होता है जिससे खून जमने लगता है। ऐसी स्थिति में रक्त दिमाग तक नहीं पहुंच पाता है जिससे मस्तिष्क के ऊतकों को अच्छी तरह से ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इस कारण दिमाग की कोशिकाएं कमजोर पड़ने लगती हैं जिससे स्ट्रोक की समस्या हो सकती है। आइए बताते हैं की इससे आखिर खुद को कैसे बचाए…
सर्दियों में स्ट्रोक का खतरा बढ़ने की कई वजहें हो सकती हैं:
रक्त गाढ़ा होना-सर्दियों में ठंड की वजह से खून गाढ़ा हो जाता है. इससे रक्त में थक्का बनने की संभावना बढ़ जाती है और मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं बंद हो सकती हैं.
धमनियों का सिकुड़ना-सर्दियों में धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है. इससे ब्लड क्लॉटिंग या आर्टरीज़ के फटने का खतरा बढ़ जाता है.
खराब जीवनशैली-सर्दियों में शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है और लोग ज़्यादा हाई कैलोरी वाला खाना खाते हैं. इससे वज़न बढ़ता है और ब्लड प्रेशर और बैड कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ता है.
फ़्लू जैसा संक्रमण-सर्दियों में फ़्लू जैसे श्वसन संक्रमण की दर बढ़ जाती है. ये संक्रमण सूजन का कारण बनते हैं, जिससे रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ता है.
प्रदूषण-हवा में ज़्यादा मात्रा में मौजूद PM 2.5 दिल के ब्लड पंप करने की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है.
स्ट्रोक से बचने के लिए ये उपाय अपनाए जा सकते हैं:
आहार में सुधार करें-विविधतापूर्ण आहार लें जिसमें फल, सब्ज़ियां, मेवे, और स्वस्थ वसा ज़्यादा हो. संतृप्त वसा, ट्रांस वसा, और नमक कम करें.
शारीरिक गतिविधि करें- सप्ताह में एक बार ढाई घंटे की मध्यम-तीव्रता वाली एरोबिक शारीरिक गतिविधि करें. चलना, जॉगिंग, तैराकी, और साइकिल चलाना मध्यम तीव्रता वाली गतिविधियां हैं.
धूम्रपान छोड़ें-धूम्रपान करने से स्ट्रोक होने का खतरा दोगुना हो जाता है.
शराब का सेवन कम करें या बंद करें-ज़्यादा शराब पीने से हाइपरटेंशन हो सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
वज़न नियंत्रित रखें- ज़्यादा वज़न या मोटापा स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है.
रक्तचाप और रक्त शर्करा को नियंत्रित करें- नियमित रूप से रक्त शर्करा और रक्तचाप को नियंत्रित रखें.
नींद पूरी लें-रात को 7 से 8 घंटे की नींद लें. कम नींद से स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है.
डॉक्टर से सलाह लें-हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर..