विश्वनाथ धाम में पहली बार लक्ष्मी पूजा, घाट और गलियों तक दिखी रौनक
दीपज्योति: परब्रह्म… यानी दीपावली पर मां लक्ष्मी आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएं। दीपावली की शाम को काशी की हर गली रौशन रही। घर की देहरी से लेकर बाबा विश्वनाथ का आंगन सांझ ढलते ही दीपों से रोशन हो उठा। गंगा के घाट हो गंगा पार रेती का नजारा दोनों तरफ झिलमिलाते दीप अपनी रोशनी से अमावस की रात को मात दे रहे थे।
दीपावली पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में दीप सज्जा और सनातन शास्त्रीय नवाचार हुआ। ब्रह्मांड में ज्योति से प्रकाश की उत्पत्ति स्वयं महादेव ने ज्योतिर्लिंग स्वरूप में प्रकाश स्तंभ के रूप में की है। शिवपुराण में इसका जिक्र है। ऐसे में ज्योति पर्व का अनुष्ठान ज्योतिर्लिंग धाम में समारोह का आयोजन शास्त्रों के हिसाब से किया जाता है।
इसी सनातन विचार के क्रम में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने विशिष्ट सज्जा के साथ शास्त्रीय आराधना कराई। पहली बार उत्सव में मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने सपरिवार पूजा की। मंदिर प्रांगण में श्री सत्यनारायण भगवान के मंदिर में महालक्ष्मी और गणपति की आराधना की गई। सनातन समाज, राष्ट्र और विश्व के सुखी होने की कामना की गई। दीपावली में भगवान विश्वनाथ की षोडशोपचार आराधना के बाद मां अन्नपूर्णा की पूजा की गई। इसके बाद प्रसाद का वितरण किया गया।
रंग-बिरंगी झालरों की रोशनी से जगमग हुआ शहर
बीती शाम को रोशनी के महापर्व पर शहर से गांव तक जगमग हो उठा। कहीं रंगबिरंगी झालरों की रोशनी तो कहीं मिट्टी के झिलमिल करते दीए। चारों ओर त्योहार की खुशियां बिखरने लगीं। दोपहर से ही महालक्ष्मी के आगमन की तैयारियां चल रही थीं। घरों के दरवाजे पर सजे वंदनवार माता के आगमन में सजे थे।
सूर्य के अस्त होते ही घर से लेकर मंदिरों तक दीपक सजने लगे। इंद्रधनुषी रंगों से मन की कल्पनाओं की चटक रंगोली भी दीयों से सज उठी। घरों में पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिरों की ओर रुख किया। सबसे पहले मोहल्ले के मंदिरों में दीप जलाए और उसके बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर सहित शहर के मंदिरों की ओर श्रद्धालु बढ़ चले। प्रतिष्ठान, संस्थान और घर रंग-बिरंगी झालरों की रोशनी से नहा उठे।
देर रात तक होती रही आतिशबाजी
भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा के बाद आतिशबाजी का दौर शुरू हो गया। पूरा आसमान पटाखों की रंग-बिरंगी रोशनी से नहा उठा। बच्चों ने रंग-बिरंगी फुलझडि़यां जलाईं तो बड़ों ने भी राकेट, बुलेट बम सहित आकाशी रोशनी वाले पटाखे जलाए।
7 दिन में 35 हजार से अधिक यात्री पहुंचे बाबतपुर एयरपोर्ट
दीपावली और छठ पूजा की भीड़ बाबतपुर एयरपोर्ट पर भी बढ़ गई है। महानगरों से आने वाले विमान में यात्रियों की संख्या अधिक तो वहीं जाने वालों की संख्या में कमी है। पिछले सात दिनों में 35 हजार से अधिक यात्रियाें का सिर्फ एयरपोर्ट पर आगमन हुआ है। वहीं, 15 से 16 हजार यात्रियों ने एयरपोर्ट से प्रस्थान किया। विमानों की संख्या में भी 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बृहस्पतिवार को 80 उड़ानें एयरपोर्ट पर पहुंची।
हफ्ते पर पहले 60 से 65 उड़ानें आवाजाही करती थीं। बीती रात तक पूरी क्षमता के साथ विमानों ने उड़ान भरा था। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि छठ पूजा तक महानगरों से आने वाली विमानों में यात्रियों की संख्या अधिक है। छठ पूजा के बाद इधर से जाने वालों की भीड़ होगी। मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे, बंगलूरू से आने वाले यात्रियों की संख्या अधिक है। टिकट का फेयर भी अब कुछ सामान्य हुआ है।
15 साल में पहली बार एक भी पटाखे का नहीं बना नया लाइसेंस
आतिशबाजी को लेकर इस साल कमिश्नरेट में एक भी नया लाइसेंस नहीं बना। आतिशबाजी विक्रेताओं ने बताया कि सिर्फ नवीनीकरण ही हुआ। कुछ व्यापारियों ने महीने भर पहले से नए लाइसेंस को लेकर दौड़-भाग कर रहे थे, लेकिन कमिश्नरेट पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी। लिहाजा, कुछ क्षेत्रों में बिना लाइसेंस के भी पटाखे बिकते रहे। वरुणा जोन के कैंट, लालपुर-पांडेयपुर थाने क्षेत्र के अर्दली बाजार, पांडेयपुर नई बस्ती, सारनाथ और रिंग रोड किनारे अवैध तरीके से पटाखाें की बिक्री होती रही। दालमंडी, हड़हा सराय क्षेत्रों में भीचोरी छिपे पटाखों की बिक्री की भनक पुलिस को लगती रही।
24 घंटे में 1.7 डिग्री सेल्सियस गिर गया न्यूनतम पारा
दो दिन से दिन में तेज धूप होने से गर्मी के बाद मौसम में बदलाव दिखा। सुबह से ही नम हवाएं चलती रहीं। इस वजह से धूप का असर कम रहा। हालांकि अन्य दिनों की तुलना में रात में सिहरन ज्यादा रही। इधर न्यूनतम तापमान में भी पिछले 24 घंटे में 1.7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार अगले सप्ताह से ठंड के बढ़ने के आसार हैं। पिछले एक सप्ताह से मौसम में तेजी से उतार-चढ़ाव बना है।
सप्ताह के शुरुआत में चक्रवाती दाना तूफान की वजह से हल्की बूंदाबांदी होने के साथ ही तापमान भी कम होकर 30 डिग्री सेल्सियस से कम हो गया था। पिछले दो दिन से दिन में धूप तेज होने के साथ ही रात में भी मौसम थोड़ा गर्म रहा। इस कारण अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था। बृहस्पतिवार को नम हवाओं के चलने की वजह से मौसम बदला। शाम को भी सिहरन अधिक रही।
इसका असर तापमान पर भी देखने को मिला। गुरुवार को अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि न्यूनतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि अगले सप्ताह से मौसम में फिर बदलाव देखने को मिलेगा। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी कमी के आसार हैं।
छठ पूजा और देव दीपावली से पहले चमाचम होंगी सड़कें
छठ पूजा और देव दीपावली तक सभी सड़कें चमाचम होंगी। इसे ध्यान में रखकर पीडब्ल्यूडी और नगर निगम ने शहर की खराब सड़कों की मरम्मत का बीड़ा उठाया है। छह नवंबर तक गंगा घाट जाने वाले सभी रास्तों को दुरुस्त करा लिया जाएगा। इसके अलावा 13 नवंबर तक गंगा घाटों, कुंडों और अन्य सड़कों को दुरुस्त कराने के लिए सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। कुल 39 किमी सड़कों को दुरुस्त करने का काम पूरा कराया जाएगा।
छठ पूजा पर होगी विशेष व्यवस्था
एक दिन में तीन किमी सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी। छठ पूजा पर गंगा घाटों और कुंडों पर भीड़ होती है। इसके लिए नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है। साफ सफाई के अलावा सड़कों और गलियों की मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है। दीपावली की छुट्टी के चलते दो दिन बाद फिर से मरम्मत का काम पूरा होगा। नगर निगम की ओर से 24 किमी सड़कों की मरम्मत का कार्य कराया जाएगा।
बैठक कर दिए गए निर्देश
गलियों में चौका रिसेटिंग का काम कराया जा रहा है ताकि किसी प्रकार भक्तों को कष्ट न होने पाए। इसी प्रकार पीडब्ल्यूडी ओर ओर से 15 किमी सड़कों की मरम्मत का कार्य पूरा कराया जाएगा। कई सड़कों की मरम्मत दीपावली पूर्व कराई गई है। दीपावली के अवकाश के बाद युद्ध स्तर पर सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी। इसके लिए क्षेत्रीय जेई से पहले सर्वे कराया गया है।
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता केके सिंह ने बताया कि ज्यादातर सड़कों पर गिटि्टयां डाल दी गईं हैं। बस तारकोल से पेंटिंग कराके सड़कों को समतल कराया जाएगा। हम लोग 10 नवंबर का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। बचाखुचा काम 13 तक करा लिया जाएगा।