क्या आप जानते हैं कि खिलाड़ी च्युइंग गम क्यों चबाते हैं? सिर्फ शौक नहीं

क्रिकेट हो या फुटबॉल, आपने टीवी पर या खेल के मैदानों में जाकर कई मैचेज़ देखे होंगे. मैच के रोमांच के बीच आपने अगर खिलाड़ियों को गौर किया हो, तो एक चीज समान पाई होगी. वो ये कि खिलाड़ी च्युइंग गम (Why Players Chew Gum While Playing) चबाते हुए नजर आ जाते हैं. वो किसी भी खेल को खेल रहे हों, च्युइंग गम चबाना उनके लिए जैसे आवश्यक होता है. तो क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इसके पीछे कारण क्या है? आखिर खिलाड़ी च्युइंग गम क्यों चबाते हैं? ये सिर्फ शौक नहीं है, इसके पीछे साइंस भी है. चलिए आपको बताते हैं.

साइंस एबीसी वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार च्युइंग गम और दिमाग के फंक्शन में काफी संबंध है. जब हम कुछ चबाते हैं तब हमारे मुंह में जो रिसेप्टर्स होते हैं वो स्वाद महसूस करते हैं. इसके साथ ही वो जबड़ों के मूवमेंट से प्रेशर भी महसूस करते हैं जिससे तुरंत ही ये रिसेप्टर दिमाग में सिग्नल भेजने लगते हैं. इसके बाद दिमाग इन सिग्नलों को डीकोड करता है. डीकोड करने की ये प्रक्रिया दिमाग को एक्टिव कर देती है. इस तरह व्यक्ति ज्यादा फोकस कर पाता है और एकाग्र हो जाता है.

च्युइंग गम का असर
जब दिमाग की हरकतें और प्रोसेस करने की क्रिया बढ़ जाती है, तब दिमाग को ज्यादा खून की जरूरत पड़ती है. इस बात को दिल पढ़ लेता है और वो दिमाग तक ज्यादा खून सप्लाई करने लगता है. खून की ज्यादा डिमांड से दिल ज्यादा तेजी से धड़कने लगता है. इस तरह मांसपेशियों को भी खून की सप्लाई बढ़ जाती है. इससे आप समझ गए होंगे कि एक च्युइंग गम चबाने से इंसान कैसे सुपर एक्टिव हो जाता है.

इस वजह से च्युइंग गम चबाते हैं खिलाड़ी
बस इन्हीं तथ्यों को आप खिलाड़ियों पर रखकर देखिए, आप समझ जाएंगे कि क्यों च्युइंग गम चबाना खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद है. जब इंटेस खेल के दौरान खिलाड़ी च्युइंग गम चबाते हैं, तो उससे दिमाग अलर्ट हो जाता है और दिल तेज धड़कने लगता है, जिससे मांसपेशियों को भी ज्यादा खून मिलने लगता है. इस तरह खिलाड़ी गेम के ऊपर ज्यादा फोकस कर पाते हैं.

च्युइंग गम चबाने के हैं और भी फायदे
उन्हें थकान नहीं महसूस होती है और नींद भी नहीं आती. एक और बहुत बड़ा कारण ये भी है कि च्युइंग गम स्ट्रेस के लेवल को भी कम करता है. च्युइंग गम चबाने से सेरोटॉनिन नाम का हॉर्मोन निकलता है जो दिमाग को रिलैक्स करता है. च्युइंग गम से मुंह भी गीला रहता है तो ज्यादा प्यास नहीं लगती है.

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