कॉमन करैत को जिंदा चबा जाता है यह सांप, किसानों का दोस्त…एक दिन में खाता है 20 से 25 चूहे!

करौली : जिसका नाम सुनते ही लोगों की रूह तक कांप उठे, ऐसे जहरीले जीव सांप की भारत देश में लगभग 300 प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं. सांप की कई प्रजाति तो ऐसी है जो इतनी खतरनाक हैं कि अगर इन प्रजाति का सांप इंसान को एक भी बार काट ले तो कुछ चंद घंटों में ही इंसान की जान जा सकती है. लेकिन आए दिन घरों और खेतों में निकलने वाला एक सांप ऐसा है जो दिखने में तो अन्य जहरीलें सांपों की तरह ही खतरनाक होता है मगर इंसान के लिए इसका जहर जानलेवा बिल्कुल नहीं होता है.

हम बात कर रहे हैं भारत देश में सबसे ज्यादा पाए जाने वाले सांप रेट स्नेक की. जो दिखने में तो इंडियन कोबरा से भी ज्यादा खतरनाक लगता हैं. लेकिन असल में आए दिन दिखने वाले इस सांप से इंसान को खतरा नहीं होता है. खासतौर से इसे चूहों का जानी दुश्मन कहा जाता हैं. रेड स्नेक प्रजाति का यह सांप राजस्थान में भी खूब पाया जाता हैं. राजस्थान के अंदर देसी भाषा में गांव के लोग इस सांप को पीले सांप के नाम से पुकारते हैं. इस सांप को खासतौर से किसानों का मित्र भी कहा जाता है.

चूहों का होता है जानी दुश्मन : 
इस सांप के बारे में हमने लोकल 18 ने सर्पमित्र स्नेक कैचर रवि मीणा से भी बात की है. उन्होंने बताया है की रेट स्नेक सांप को कई नाम से जाना जाता है. कहीं पर इसे लोग घोड़ा पछाड़ तो कहीं पर इसे लोग धामन के नाम से जानते हैं. वह बताते हैं कि हमारे ग्रामीण क्षेत्र में लोग इस देसी भाषा में पीला सांप कहते हैं. इसे किसानों का मित्र भी कहा जाता है. इसलिए क्योंकि रेट स्नेक भोजन के रूप में चूहों को खाता है.

स्नेक कैचर रवि बताते हैं कि एक दिन में रेट स्नेक 15 से 25 चूहों को खा लेता है और उन्हें पचा भी लेता है. इसलिए इसे किसानों का दोस्त कहा जाता है. क्योंकि रेट स्नेक किसनों की फसल को बर्बाद करने वाले चूहों को खो जाता है. वह बताते हैं कि पर्यावरण के लिए भी सांप की यह प्रजाति बहुत बढ़िया रहती है.

स्नेक कैचर रवि बताते हैं कि रेट स्नेक की सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि यह सांप एशिया के सबसे जहरीले सांप, कॉमन करैत को भी अपने भोजन के रूप में जिंदा निकल जाता है. और आसानी से इसे पचा भी लेता है. वह बताते हैं कि इस सांप से इंसान की जान को खतरा नहीं होता है बल्कि इस सांप से हमें कई फायदे होते हैं. इसलिए इसे मारना नहीं चाहिए और किसानों का मित्र होने के कारण इसे ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित करना चाहिए. ताकि लोग कॉमन करैत जैसे खतरनाक सांप से बच सकें. और पर्यावरण का संतुलन भी बना रहे.

1% भी नहीं होता है इसमें पॉइजन
स्नेक कैचर रवि मीणा बताते हैं कि इस प्रजाति के सांप में जहर की मात्रा यानी पॉइजन एक प्रतिशत भी नहीं होता है. अगर इंसान को यह सांप काट भी ले तो इसमें बैक्टीरिया ज्यादा होने के कारण छोटा-मोटा इन्फेक्शन जरूर बॉडी में फैल सकता है. सर्पमित्र रवि बताते हैं कि इस सांप के काटने पर केवल एक वायरस के इंजेक्शन की जरूरत इंसान को पड़ती है. इसलिए रेट स्नेक के काटने पर नजदीकी अस्पताल में जाकर वायरस का इंजेक्शन जरूर लेना चाहिए.

9 फीट तक होता है यह सांप, रंग में एकदम होता है पीला 
स्नेक कैचर रवि मीणा के मुताबिक रेट स्नेकसांप की भारत में लगभग अधिकतम लंबाई 9 फीट तक देखने को मिलती है. रंग में यह सांप एकदम पीला होता है हालांकि हारमोंस के कारण इसका रंग थोड़ा ब्लैक भी हो सकता है. यह सांप बिना फन और एकदम पतले मुंह वाला होता है. पीछे से इसकी बॉडी चॉकलेटी कलर में होती है.

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