गुजरात: सालंगपुर हनुमानजी मंदिर परिसर मे 1100 कमरों वाला गोपालानंद स्वामी यात्रिक भुवन बनकर तैयार

 सालंगपुर हनुमानजी मंदिर के परिसर में 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से दुनिया के किसी भी आध्यात्मिक स्थान और गुजरात में पहला सबसे ज्यादा 1100 कमरों वाला गोपालानंद स्वामी यात्रिक भुवन बनकर तैयार हो गया है। इस 8 मंजिला गेस्ट हाउस का उद्घाटन 31 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमितभाई शाह और परम पूज्य धर्मधुरंधर 1008 आचार्यश्री राकेशप्रसादजी महाराज और वडताल गादी के संत करेंगे। महत्वपूर्ण बात यह है कि श्री हरिप्रकाश स्वामी के दृढ़ संकल्प और कोठारी स्वामी श्रीविवेकसागरदासजी के मार्गदर्शन और वडताल मंदिर बोर्ड के सहयोग से इस राजमहल जैसे गोपालानंद स्वामी यात्रिक भवन का निर्माण किया गया है।

दादा के दर्शन के लिए सालंगपुर में दिन-ब-दिन लाखों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। गोपालानंद स्वामी यात्रिक भवन का निर्माण मंदिर के संतों ने सेवन स्टार होटल की टक्कर में कराया है ताकि दादा के भक्तों को कोई परेशानी न हो। यह गोपालानंद स्वामी यात्रिक भवन श्रीकष्टभंजन देव हनुमानजी मंदिर के बाईं ओर थोड़ी दूरी पर और नए भोजनालय के ठीक पीछे बना है। इस 20 बीघा की भूमि में बने यात्रिक भवन की भव्यता अद्भुत है। यह भवन 9,00,000 वर्ग फुट में बनाया गया है। यह इमारत 8 मंजिलों वाली है और 108 फीट ऊंची है और 340 कॉलम पर खड़ी की गई है।

राजमहल जैसी दिखने वाली इस इमारत का एलिवेशन इंडियन रोमन शैली का है। इस बिल्डिंग की डिजाइन चार से पांच बार बनाई गई। उसके बाद संतों द्वारा वर्तमान डिजाइन को फाइनल किया गया। भवन में प्रवेश करते समय इन-आउट के लिए दो रैंप बनाए गए हैं। जहां से हमने एक रिसेप्शन एरिया बनाया है, जिसमें प्रवेश करने पर ऐसा लगता है जैसे कोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लाउंज हो। यहां से यात्री मिनटों में कमरा बुक कर सकते हैं। यात्रियों के लिए कुल 1000 से अधिक कमरे उपलब्ध हैं। जिसमें 500 एसी और 300 नॉन एसी कमरे, 5 सर्वेंट हॉल और 14 स्टोर रूम शामिल हैं। सीढ़ियों के अलावा यहां 10 हाई स्पीड एलिवेटर (लिफ्ट) भी हैं ताकि यात्री आराम से अपने कमरे तक जा सकें।गोपालानंद स्वामी यात्रिक भवन में एक कमरे में पांच लोग, यानी 1000 से ज्यादा कमरों में 5,000 से अधिक लोग आराम से रह सकते हैं। इस बिल्डिंग में 400 एसी कमरों का मेंटेनेंस किराया 1500 रुपये और 300 नॉन एसी कमरों का 800 रुपये होगा। जिसमें हर कमरे में चार सिंगल बेड और एक गद्दा, रजाई और तकिया और एक कुर्सी भी उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं 45 स्युट में प्रति रूम का मेंटेनेंस किराया 3 हजार रुपए होगा। प्रत्येक कमरे में 4 सिंगल बेड और एक डबल बेड, फर्नीचर के साथ मेज और कुर्सी होगी।गोपालानंद स्वामी यात्रिक भवन में हर मंजिल पर 6-6 वॉटर डिस्पेन्सर एवं कॉमन टॉइलेट-बाथरूम की भी व्यवस्था की गई है। वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखते हुए ग्राउंड फ्लोर पर कैंटीन की व्यवस्था की गई है। इस कैंटीन का आकार 12 हजार वर्ग मीटर है, जिसमें 200 लोग अपने खर्चे पर नाश्ता कर सकेंगे। खास बात यह है कि श्रद्धालु और तीर्थयात्री नूतन भोजनालय में निःशुल्क नाश्ता और भोजन प्रसाद ले सकेंगे। लगभग पूरी बिल्डिंग का फर्श मशीन से साफ होगा। इस भवन में एक कपड़े धोने का कमरा भी बनाया गया है। इमारत का संचालन 100 लोगों के स्टाफ द्वारा किया जाएगा।

गोपालानंद स्वामी यात्रिक भवन में 300 से ज्यादा हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यहां की पार्किंग भी काफी बड़ी है। जिसमें 2500 से ज्यादा कारें, 1 हजार दोपहिया वाहन और 50 बसें आराम से पार्क की जा सकती हैं। ये पार्किंग स्थल इमारत के दोनों ओर बनाए गए हैं।श्री हरिप्रकाश स्वामीजी ने गोपालानंद स्वामी यात्रिक भुवन के बारे में कहा, ”विश्व और गुजरात के आध्यात्मिक जगत का सबसे विशाल 1100 कमरों वाला गोपालानंद स्वामी यात्रिक भवन सालंगपुर में बनकर तैयार हो गया है। जिसका उद्घाटन 31 अक्टूबर 2024 को माननीय गृह मंत्री श्रीअमितभाई शाह, वडताल गादी आचार्य राकेश प्रसादजी महाराज, वरिष्ठ संत और वडताल मंदिर बोर्ड द्वारा किया जाएगा।हरिप्रकाश स्वामी ने गोपालानंद स्वामी यात्रिक भवन के डिजाइन के बारे में विशेष रूप से कहा कि, “गोपालानंद स्वामी यात्रिक भवन के डिजाइन में वैदिकता और वैज्ञानिकता का मिलित तर्क है। पहली तितली की विशेषता यह है कि यह शांति का प्रतीक है, यह कभी किसी भी प्रकार का उपद्रव नहीं करती। तितली की एक और विशेषता यह है कि वह प्रकाश की पुजारी है, तितली प्रकाश की ओर आकर्षित होती है, अंधेरे की पुजारी नहीं। तितलियों की तीसरी विशेषता है की वह सुगंध के चाहक होती हैं। चौथी तितली की खासियत यह है कि यह बेहद खूबसूरत होती है। तितली बहुत सुंदर है, भगवान ने इसे बहुत उत्तम बनाया है। तितलियों किसी को परेशान नहीं करती, तो हमने ऐसा सोचा, गोपालानंद स्वामी यात्रिक भवन में जो भी भक्त आएगा, उसको प्रकाश मिले, शांति मिले, सुगंध मिले, क्योंकि दादा के दरबार में कभी अंधकार या अंधविश्वास का पुजारी नहीं होगा। दादा के दरबार में वही लोग आते हैं जिनके मन में आस्था, विश्वास, आत्मनिष्ठा, श्रद्धा और भक्ति होती है। मैं गारंटी देता हूं कि दादा के दरबार में हर कोई भरोसेमंद है।”

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