राजस्थान : कांग्रेस का गठबंधन से किनारा, सातों सीट पर घोषित किए नाम
राजस्थान में 13 नवंबर को होने वाले सात सीटों पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार देर रात प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। झुंझुनूं से अमित ओला, रामगढ़ से आर्यन जुबैर, दौसा से डीडी बैरवा, देवली-उनियारा से केसी मीणा, खींवसर से डॉ. रतन चौधरी, सलूंबर से रेशमा मीना और चौरासी से महेश रोत को प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा ने अब तक चौरासी पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। इसलिए फिलहाल 6 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा का आमने-सामने का मुकाबला तय हो चुका है। हालांकि इनमें से कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। बीएपी चौरासी के साथ सलूंबर में भी चुनाव लड़ रही है। वहीं, गठबंधन के इंतजार में बैठी आरएलपी भी अब खींवसर के अलावा अन्य कुछ सीटों पर भी अपने प्रत्याशी उतार सकती है।
भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला, रामगढ़, देवली-उनियारा और दौसा में है, जबकि चौरासी, झुंझुनू, सलूबर और खींवसर में त्रिकोणीय मुकाबला होगा। भाजपा और कांग्रेस के अलावा झुंझुनूं में पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, खींवसर में आरएलपी तथा सलूबर और चौरासी में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के प्रत्याशी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाएंगे।
झुंझुनूं से अमित ओला: गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री तथा झुंझुनू लोकसभा सीट से सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे हैं।
रामगढ़ से आर्यन जुबैर: रामगढ़ सीट के भूतपूर्व विधायक जुबेर खान के छोटे बेटे हैं।
दौसा से डीडी बैरवा: इनकी पत्नी बीना बैरवा वर्तमान में लवाण पंचायत समिति की प्रधान हैं, जबकि स्वयं जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव हैं।
देवली-उनियारा से केसी मीणा: हाल में इन्होंने वीआरएस लिया था। कांग्रेस सांसद हरीश मीणा ने इनके टिकट के लिए लॉबिंग की थी।
खींवसर से डॉ. रतन चौधरी: पूर्व आईपीएस सवाई सिंह की पत्नी हैं। ज्योति मिर्धा के साथ ही इन्होंने भी भाजपा ज्वाइन की थी।
सलूंबर से रेशमा मीना: यहां कांग्रेस ने रघुवीर मीणा की जगह रेशमा को टिकट देकर चौंका दिया है। जयसमंद पंचायत समिति सदस्य रेशमा ने डबल एमए कर रखा है। 53 साल की रेशमा मीणा सराड़ा पंचायत समिति में पहले दो बार प्रधान रह चुकी हैं।
चौरासी से महेश रोत: चौरासी में यूथ कांग्रेस के महेश रोत को टिकट, छात्रसंघ राजनीति में सक्रिय रहे हैं।
इसलिए जरूरी हुए उपचुनाव
बता दें कि दो सीटों पर तो उपचुनाव मौजूदा विधायकों कांग्रेस के जुबैर खान (रामगढ़) और भाजपा के अमृतलाल मीना (सलूंबर) के निधन के कारण हो रहे हैं। बाकी पांच सीटों पर विधायक लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए थे, जिसके कारण उपचुनाव की जरूरत पड़ी। वर्तमान में 200 सीटों वाली राज्य विधानसभा में भाजपा के 114 विधायक, कांग्रेस के 65, भारत आदिवासी पार्टी के तीन, बसपा के दो, रालोद का एक और आठ निर्दलीय विधायक हैं।
ये चुने गए सांसद
कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला (झुंझुनू), हरीश चंद्र मीना (देवली-उनियारा), मुरारी लाल मीना (दसाऊ), राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हनुमान बेनीवाल (खींवसर) और भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के विधायक राजकुमार रोत (चोरासी) इस साल लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए थे। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव के लिए किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया है।