IS में शामिल होना चाहती थी पूर्व सैन्य अधिकारी की बेटी

isisनई दिल्ली( 21 सितंबर): पिछले कुछ हफ्तों से देश की खुफिया एजेंसी आईबी दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक बड़े कॉलेज से ग्रेजूएट हिंदू लड़की को समझाने की कोशिश कर रही है कि आतंकी संगठन आईएस से जुड़ना अच्छा विचार नहीं है। अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना से रिटायर हो चुके ले.कर्नल की बेटी पोस्ट ग्रेजूएट की पढाई के लिए तीन साल के लिए ऑस्ट्रेलिया चली गई थी। पढ़ाई के बाद जब वो वापस देश लौटी तो काफी बदल चुकी थी।

इसके बाद, पिता ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को अपनी बेटी की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। पिता ने लड़की की काउंसिलिंग करने में अफसरों की मदद मांगी। एजेंसी ने इंटेलिजेंस ब्यूरो से संपर्क किया। ब्यूरो ही इस मामले को अब हैंडल कर रहा है। कुछ महीने पहले पिता को अपनी बेटी के कम्प्यूटर में आईएसआईएस से जुड़े हुए कुछ इंटरनेट कम्युनिकेशंस के बारे में पता चला। जब उन्होंने जांच की तो पता चला कि उनकी बेटी कथित आईएसआईएस रिक्रूटर्स के संपर्क में है और वह संगठन ज्वाइन करने सीरिया जाना चाहती है।

लड़की की योजना थी कि पहले वह धर्म परिवर्तन करवाएगी और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया से होकर सीरिया जाएगी। बता दें हाल ही में दो हिंदुओं समेत 10 युवकों को यूएई से डिपोर्ट किया गया था। इन पर आईएसआईएस का प्रोपेगैंडा फैलाने का आरोप था। मुंबई के करीब स्थित कल्याण के चार युवक आईएसआईएस ज्वाइन करने इराक के रास्ते सीरिया गए थे। उनमें से एक आरिफ मजीद फिलहाल वापस आ चुका है और एनआईए की कस्टडी में है।
कोलकाता के रहने वाले मेहदी बिसवास को बेंगलुरु से पकड़ा गया। उस पर आरोप था कि वह आईएसआईएस के टि्वटर हैंडल ऑपरेट करता था।

वहीं अपने नागरिकों का आईएस से जुड़ने को लेकर ऑस्ट्रेलिया काफी परेशान है। ऑस्ट्रेलिया में मुस्लिम की संख्या कुल जनसंख्या का महज 2.2 प्रतिशत है, पिछले कुछ सालों से यहां के लोग आईएस से जुड़ने के लिए सीरिया का रुख कर रहे है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टॉनी एबॉट के मुताबिक कम से कम 70 लोग इराक और सीरिया में लड़ रहे हैं।

 
 
 

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