किसानों के कल्याण पर बोले सीएम योगी- रसायन मुक्त खेती से ही मिट्टी और मानव दोनों का भला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें गंभीर बीमारियों से बचने के लिए रसायनमुक्त खेती की ओर बढ़ना होगा। सीएम ने सहफसली खेती पर जोर देते हुए कहा कि इससे जहां किसानों की आय बढ़ेगी, वहीं प्राकृतिक खेती करने से उत्पादन लागत कम होगी। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर अमर उजाला से खास बातचीत में किसानों की आय में वृद्धि पर विस्तार से अपना नजरिया रखा। सीएम ने बताया कि प्रदेश में कुछ प्रगतिशील किसान इस दिशा में बेहतर काम कर रहे हैं। बिजनौर में एक प्रगतिशील किसान टिश्यू कल्चर से गन्ना की खेती से तीन गुना तक उत्पादन ले रहा है।

आम तौर पर पूर्वी यूपी में 100-150 क्विंटल प्रति एकड़, पश्चिमी यूपी में 300 क्विंटल प्रति एकड़ गन्ने की पैदावार होती है। वहीं, बिजनौर का यह प्रगतिशील किसान 900 क्विंटल प्रति एकड़ तक पैदावार ले रहा है। यह किसान खुद ही गन्ने के रस से सिरका बनाकर बाजार में आपूर्ति करना है। इस तरह की उद्यमशीलता किसानों के जीवनस्तर में बड़ा बदलाव लाने में सक्षम है।

प्राकृतिक या जैविक खेती करने वाले किसानों को अपनी उपज की मार्केटिंग करने में दिक्कत आती है? उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता? इस पर सीएम ने कहा कि जीरो बजट और प्राकृतिक खेती में रसायनिक खाद और कीटनाशक इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होती है। इससे लागत में प्रति एकड़ 10-15 हजार रुपये तक की कमी आ जाती है।

रसायनमुक्त उपज के प्रमाणीकरण के लिए हर मंडी में व्यवस्था
रसायनमुक्त खेती के लिए प्रमाणपत्र कैसे हासिल करें। इस पर सीएम ने कहा कि किसानों को इस तरह से ली जाने वाली पैदावार का प्रमाणीकरण (सर्टिफिकेशन) लेना जरूरी है। इससे बाजार में अपेक्षाकृत बेहतर दाम भी मिलता है। हम प्रमाणीकरण के लिए हर मंडी में व्यवस्था कर रहे हैं। किसान बीज से बाजार तक, हर स्तर पर प्रमाणीकरण करवाकर इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। एक बार इस ओर बढ़ें तो किसानों के लिए आय में वृद्धि के रास्ते खुद ही खुलते जाते हैं।

बाजार में आसानी से मिलते हैं अच्छे दाम
सीएम ने प्राकृतिक खेती से मिलने वाली उपज के लाभ भी साझा किए। सीएम ने कहा कि प्राकृतिक खेती से मिलने वाली उपज की गुणवत्ता अच्छी होती है। यह साफ-सुथरी भी होती है। इसकी महक भी इतनी अच्छी होती है कि उपभोक्ता भी अच्छे दाम देने को तैयार हो जाते हैं। सीएम ने कहा कि कैंसर, किडनी और लिवर की गंभीर बीमारियों से बचने के लिए रसायन मुक्त खेती की ओर जाना होगा। इससे मानव और मिट्टी दोनों का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।

स्कूल स्तर से ही कर रहे प्रयास
प्राकृतिक खेती को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? इस पर सीएम योगी ने कहा कि सरकार इस दिशा में काफी गंभीरता से काम कर रही है। हर विद्यालय में पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं। समाचार पत्रों के माध्यम से भी विद्यार्थियों को प्राकृतिक खेती समेत तमाम विषयों की जानकारी दिए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। किसान विकास केंद्र (केवीके) और कृषि विवि के साथ मिलकर मीडिया भी इस दिशा में जागरूकता लाने में अपना योगदान दे सकता है।

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