बिहार : बौद्ध सर्किट का एक भाग है ऐतिहासिक लाली पहाड़ी

महर्षि वाल्मीकि जयंती एवं बिहार कला दिवस से एक दिन पहले लखीसराय में लाली पहाड़ी के समतल स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पदाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने किया। कार्यक्रम में न केवल आम जनों की भागीदारी रही बल्कि दुर्गा पुजा समिति के सदस्यों, सोशल मीडिया पर सक्रिय युवा वर्ग, विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र-छात्राएं तथा मीडिया के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। 

लाली पहाड़ी, बौद्ध सर्किट का एक भाग
जिला प्रशासन के अनुसार, इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लाली पहाड़ी की महत्ता एवं लखीसराय के पर्यटन में इस स्थल के योगदान को आम जनों तक पहुंचाना है। ऐतिहासिक धरोहर लाली पहाड़ी, बौद्ध सर्किट का एक भाग है। इस स्थल से श्रीमद् धम्म विहार के नाम से एक मुहर भी प्राप्त हुआ है। इस स्थल पर पर्यटकों की सुविधा के लिए पेयजल, बिजली की व्यवस्था, रैंप, CCTV, रंग बिरंगी लाइट तथा साफ सफाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है। 

एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई जा सके
सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति पंडित कुमार मर्दुर के द्वारा की गई। लाली पहाड़ी के साथ क्रिमिला पार्क को भी व्यवस्थित करने की कवायद की जा रही है ताकी इस स्थल को बिहार के पर्यटन मैप पर एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई जा सके।

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