बजाज ऑटो पर कमजोर तिमाही नतीजों का कहर

 बजाज ग्रुप की दोपहिया बनाने वाली कंपनी- बजाज ऑटो के शेयरों में गुरुवार को भारी गिरावट आई। इसकी वजह वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में बजाज ऑटो का उम्मीद से भी कमजोर प्रदर्शन है। बजाज ऑटो का दूसरी तिमाही में टैक्स के बाद कंसालिडेटेड प्रॉफिट सालाना आधार पर 31 फीसदी तक घट गया है। यह 1,385 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 2,020 करोड़ रुपये था।

क्यों घटा बजाज का प्रॉफिट

बजाज ऑटो के मुताबिक, उसके मुनाफे में गिरावट अधिक खर्च और टैक्स से जुड़े निपटारे के चलते आई है। हालांकि, बजाज का ऑपरेशन से कुल रेवेन्यू दूसरी तिमाही में बढ़कर 13,247 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले यह 10,838 करोड़ रुपये था। कंपनी ने कहा कि दूसरी तिमाही में कुल व्यय 10,767.22 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल 8,806.47 करोड़ रुपये था।

बजाज ऑटो ने क्या कहा?

बजाज ऑटो के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राकेश शर्मा ने प्रॉफिट ऑफ्टर टैक्स में गिरावट की वजह बताते हुए कहा, “हमें स्थगित कर (deferred tax) के कारण 211 करोड़ रुपये का एकमुश्त अतिरिक्त प्रावधान करना पड़ा।”

उन्होंने कहा कि सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर जो इंडेक्सेशन लाभ दिया था, उसे वापस ले लिया है। इस वापसी ने प्रभावी रूप से डेट म्यूचुअल फंड पर प्रभावी कर दर को लगभग 6.8-7 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है। शर्मा ने कहा, “यह एक बार की मार है, इसका परिचालन से कोई लेना-देना नहीं है।”

बजाज ऑटो के शेयरों का हाल

बजाज ऑटो के शेयर दोपहर करीब 12 बजे तक 11.11 फीसदी की गिरावट के साथ 10,325.85 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। कंपनी ने पिछले 6 महीने सिर्फ 15 फीसदी रिटर्न दिया है। लेकिन, एक साल की अवधि में बजाज ऑटो ने 100 फीसदी से अधिक का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। इसका 52 वीक का हाई 12,774.00 रुपये और लो 5,070.00 रुपये प्रति शेयर है। बजाज ऑटो का मार्केट कैप 2.88 लाख करोड़ रुपये है।

बजाज ऑटो पर ब्रोकरेज की राय

पिछले महीने विदेशी ब्रोकरेज फर्म CLSA ने बजाज ऑटो के शेयरों में बड़ी गिरावट आने का अंदेशा जताया था। उसने बजाज ऑटो को ‘अंडरपरफॉर्म’ रेटिंग बरकरार रखी और इसके शेयर को 7000 रुपये का टारगेट दिया। CLSA के अनुमान के हिसाब से अभी भी बजाज ऑटो के शेयरों में 3000 रुपये से अधिक की गिरावट आने की आशंका है।

CLSA के मुताबिक, प्रीमियम मोटरसाइकिल सेगमेंट में बढ़ता कॉम्पिटीशन और 250cc से अधिक क्षमता वाले बाइक सेगमेंट की धीमी ग्रोथ बजाज ऑटो के बड़ी समस्या है। साथ ही, कंपनी के प्रमुख एक्सपोर्ट मार्केट में लगातार दबाव बना हुआ है, जो इसके शेयर पर नेगेटिव असर डाल सकता है।

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