कैथल : BJP-JJP गठबंधन टूटते ही शुरू हो गया था अध्यक्ष हटाने का खेल
कैथल जिला परिषद अध्यक्ष दीपक मलिक उर्फ दीप मलिक को हटाने का खेल लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा-जजपा गठबंधन टूटते ही शुरू हो गया था। क्योंकि जब शुरुआत में अध्यक्ष चुना गया तो भी भाजपा और जजपा के पार्षदों में गठबंधन होने के बावजूद राशि नहीं मिल सकी थी। शुरूआत में जजपा और भाजपा पार्षदों के बीच वित्तीय शक्तियों को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी।
इसके बाद दोनों पार्टियों के हाईकमान की ओर से हस्तक्षेप किए जाने के बाद वित्तीय शक्ति को लेकर सहमति बनी थी परंतु जब लोकसभा चुनाव से पहले जजपा और भाजपा गठबंधन टूटा तो उसी समय से जिला परिषद अध्यक्ष को कुर्सी से हटाने के लिए लॉबिंग शुरू हो गई थी। इसके बाद जब 27 जुलाई में हुई वोटिंग तो अब ठीक तीन महीने बाद इसका परिणाम जारी हुआ है।
वहीं, इससे पहले विधानसभा चुनाव होने के चलते परिणाम जारी नहीं हो पाया था। अब तीसरी बार प्रदेश में सत्ता में आने के बाद अध्यक्ष पद पर भाजपा की नजर है। वहीं, अध्यक्ष के पद से हटने के बाद उपाध्यक्ष कर्मबीर कौल ने कहा कि अध्यक्ष दीपक मलिक के समय में हुए घोटालों की एसीबी से जांच करवाएंगे।
करीब दो साल तक ही रह पाया जिला परिषद का अध्यक्ष
वर्ष 2022 के नवंबर में हुए पंचायत चुनाव के बाद अगले साल 2023 की जनवरी में जिला परिषद का अध्यक्ष का चुनाव किया गया था। उस समय जजपा व भाजपा के बीच गठबंधन था। जजपा ने अध्यक्ष तो भाजपा का उपाध्यक्ष बनाने पर सहमति बनी थी। इसमें जजपा समर्थक पार्षद दीपक मलिक उर्फ दीप मलिक ने एक वोट से जीत दर्ज कर अध्यक्ष का चुनाव जीता था जबकि भाजपा समर्थित वार्ड नंबर 13 से जिला पार्षद कर्मबीर कौल को उपाध्यक्ष चुना गया था।
उस समय भी भाजपा-जजपा में अपना अध्यक्ष बनाने की होड़ लगी थी। उस समय जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जजपा पार्टी की तरफ से दिग्विजय चौटाला और भाजपा पार्टी से वर्तमान के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी की मौजूदगी में चुनाव हुआ था। उस दौरान भाजपा ने अध्यक्ष के लिए अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। इसी प्रकार उपाध्यक्ष पद के लिए जजपा ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। अब गठबंधन टूटने व चुनाव संपन्न होने के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।
वोटिंग से लेकर परिणाम तक की ये रही टाइमलाइन
19 जुलाई को 20 में से 17 पार्षदों ने वोटिंग हिस्सा लिया, इसी दिन अध्यक्ष की याचिका पर हाईकोट ने परिणाम पर रोक लगाई।
13 सितंबर को हाईकोर्ट ने परिणाम जारी करने के आदेश जारी किए।
इसके दो दिन बाद ही जिला प्रशासन ने परिणाम जारी करने की तिथि की घोषणा की, लेकिन जजपा के विरोध करने के चलते इसे स्थगित कर दिया।
11 अक्तूबर को जिला प्रशासन ने आगामी 14 अक्तूबर को परिणाम जारी करने का आदेश जारी किया।
अब 14 अक्तूबर को परिणाम जारी किया और अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ।