कानपुर हादसे में पांच की मौत: सिसकियों के बीच जागती आंखों में कटी रात
कानपुर के सनिगवां की उस गली में सोमवार रात शायद ही किसी आंख में नींद आई हो, जिसके तीन जवान होनहार बच्चों प्रतीक ,गरिमा और आयुषी के शव सुबह ड्योढ़ी घाट पर होने वाले अंतिम संस्कार के इंतजार में रखे हों। यही हाल इसके पीछे वाली गली और एक गली आगे का रहा। पीछे वाली में ऑल्टो चालक विजय और अगली में चौथे छात्र सतीश का घर है।
गए थे कॉलेज लौटे पोस्टमार्टम हाउस से
रोज की तरह सोमवार सुबह जिन्हें कॉलेज के लिए रवाना कर घर वाले अपने-अपने काम में जुट गए थे। वे देर शाम घर लौटे तो लेकिन कॉलेज से नहीं पोस्टमार्टम हाउस से, वो भी सफेद कफन में सिले पार्थिव शरीर के रूप में। हादसे की सूचना के बाद से गली में पसरी खामोशी को शव वाहन के साथ आईं ह्रदयविदारक चीत्कारों के शोर ने खत्म किया। वाहन से उतार कर शवों को मंगलवार सुबह के इंतजार में डीप फ्रीजर में रखवा दिया गया।
एक बार आंख खोल दो बेटा
घरों के दरवाजे पर खड़ीं महिलाएं सिसकियां भरती रहीं। वहीं, पुरुषों की आंखें भी नम दिखाई दी। परिजनों का तो हाल बहुत ही बुरा था। कोई भी अपने खास के बिछड़ने की बात पर विश्वास नहीं कर पा रहा था। कोई शव से लिपट कर रोता दिखा, तो कोई एक बार आंख खोल दो बेटा.. कहकर बिलखता दिखाई दिया।
हर कोई पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाता
देर शाम शव घर पहुंचने की जानकारी पर क्षेत्रीय लोग पीड़ित परिवार को दिलासा देने पहुंचे। देर रात तक लोगों के आने जाने का सिलसिला जारी रहा। हर कोई पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाता। कलेजे को झकझोर रहीं चीखों के बीच माता-पिता,भाई बहन और अन्य नाते रिश्तेदार व दोस्त बदहवास बैठे रहे।
रुआंसे गले से निकली कलेजा कंपा देने वाली चीखें
देर रात जिन आंखों में आंसू सूखते से लग रहे थे, मंगलवार उनसे आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। अर्थी सजना शुरू हुईं, तो रुआंसे गले से निकलने वाली आवाजें चीखों में बदल गईं , जिन्हें सुनने वालों के कलेजे कांप उठे। करवा चौथ से सप्ताह भर पहले सुहाग उजड़ जाने से ड्राइवर विजय साहू की पत्नी सुमन बदहवास हैं। पति की याद में चीखती सुमन बार-बार बेहोश हुई।
वायरल हुए वीभत्स वीडियो
डंपर और सरिया लदे ट्राला के बीच छात्रों की कार के फंस कर पिचक जाने की वीभत्सता को दिखाने वाले कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। उन्हें राहगीरों ने हादसे के बाद शव को काटकर निकालते समय बनाया था।