वो फाइनल जब किस्मत पलटने वाली KKR को डैड आर्मी ने दिया गहरा जख्म

 चेन्नई सुपर किंग्स इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की सबसे सफल टीमों में से एक है। इस टीम ने पांच बार आईपीएल खिताब जीता था। साल 2019 तक हाल ये था कि जब भी चेन्नई ने आईपीएल खेला हर बार प्लेऑफ में पहुंची। हालांकि, 2020 में पहली बार ये टीम प्लेऑफ में नहीं जा सकी थी। सभी ने मान लिया था कि माही यानी चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मैजिक खत्म हो गया है. लेकिन अगले साल फिर धोनी ने बताया कि वह क्योंक दुनिया से सबसे सफलतम कप्तानों में गिने जाते हैं।

साल 2021 में धोनी ने चेन्नई को फिर चैंपियन बनाया। ये चेन्नई का चौथा आईपीएल खिताब था। आज ही के दिन यानी 15 अक्तूबर चेन्नई ने दुबई में खेले गए फाइनल में कोलकाता नाइट राइडर्स को मात दे खिताब अपने नाम किया।

कोविड ने खड़ी की परेशानी

यूं तो आईपीएल का आयोजन गर्मियों में होता है। मार्च के आखिरी सप्ताह या अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में इसकी शुरुआत होती है। लेकिन कोविड के कारण इस आईपीएल को यूएई में कराया गया था। साल 2020 में तो पूरा आईपीएल यूएई में हुआ था। वहीं 2021 में कुछ मैच भात में हुए थे लेकिन कोविड की सेंधमारी के बाद इसे यूएई शिफ्ट किया गया था। चेन्नई ने फाइनल में ऑयन मॉर्गन वाली कोलकाता को 27 रनों से मात दी थी।

फाफ डुप्लेसी और गायकवाड़ की दमदार बल्लेबाजी

इस सीजन में चेन्नई को खिताब दिलाने में सबसे बड़ा रोल निभाया था फाफ डुप्लेसी और ऋतुराज गायकवाड़ ने। ये सीजन ऋुतराय गायकवाड़ के नाम रहा था। इस सीजन से दाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपनी प्रतिभा दिखा दी थी। सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। डुप्लेसी महज दो रनों से गायकवाड़ से पीछे रह गए थे। गायकवाड़ के 635 रन थे तो वहीं डुप्लेसी के 633 रन।

फाइनल में डुप्लेसी और गायरवाड़ ने पहले विकेट के लिए 61 रनों की साझेदारी कर मजबूत शुरुआत दी थी। गायकवाड़ 32 रन बनाकर आउट हो गए थे। डुप्लेसी ने मोर्चा संभाले रखा था। डुप्लेसी ने 86 रन बनाए थे। अपनी पारी में इस बल्लेबाज ने 59 गेंदों का सामना किया था और सात चौके, तीन छक्के मारे थे। रोबिन उथप्पा ने 31 और मोईन अली ने नाबाद 37 रन बनाए थे। इन सभी का पारियों के दम पर चेन्नई ने तीन विकेट खोकर 192 रन बनाए थे।

गेंदबाजों ने किया कमाल

बल्लेबाजों के बाद चेन्नई के गेंदबाजों ने कमाल किया था। शुभमन गिल और वेंकटेश अय्यर ने कोलाकात को जिस तरह की शुरुआत दी थी उससे लग रहा था कि ये टीम खिताब जीत ले जाएगी लेकिन जैसे ही ये दोनों आउट हुए बाकी बल्लेबाज ताश के पत्तों की तरह निपट गए। गिल और अय्यर ने पहले विकेट के लिए 91 रन जोड़े थे। शार्दूल ठाकुर ने अय्यर को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा था। उन्होंने 32 गेंदों पर 50 रन बनाए थे जिसमें पांच चौके और तीन छक्के मारे थे।

गिल ने 43 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 51 रन बनाए थे। यहां से फिर चेन्नई के गेंदबाजी हावी हो गए और लगातार विकेट लेते रहे। कोलकाता की टीम 20 ओवरों में नौ विकेट खोकर 165 रन ही बना सकी।

चेन्नई के लिए ठाकुर ने तीन विकेट लिए। जोश हेजलवुड और रवींद्र जडेजा ने दो-दो विकेट लिए। दीपक चाहर और ड्वेन ब्रावो के हिस्से एक-एक विकेट आया।

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