तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है यह देवी धाम

 भारत के पूर्वोत्तर राज्य में मां दुर्गा के सबसे सुंदर स्वरूप का मंदिर विराजमान हैं, जिसकी चर्चा हर नगर और क्षेत्र तक फैली हुई है। इस देवी धाम को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहां पर भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही उन्हें सुंदर और रोगमुक्त काया की प्राप्ति होती है। जो लोग किसी भी प्रकार की समस्या से परेशान हैं, जिसे देखकर उन्हें लगता है कि इसका निदान मुश्किल है, तो उन्हें इस धाम में एक बार जरूर जाना चाहिए।

तो आइए इस चमत्कारी स्थल (Tripura Sundari Temple) के बारे में विस्तार से जानते हैं, ताकि आप आसानी से इसका दर्शन करने के लिए पहुंच सकें।

51 महापीठों में से है एक

दरअसल, माता रानी का यह स्वरूप दस महाविद्याओं में से एक है, जो त्रिपुरा राज्य के उदयपुर की पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर भारत के 51 महापीठों में से एक माना जाता है। लोगों का ऐसा कहना है कि यहां माता सती का दायां पैर गिरा था।

इस देवी धाम में मां त्रिपुर सुंदरी और उनके भैरव (त्रिपुरेश) वास करते हैं। कहते हैं कि भैरव के दर्शन (Unknown Facts) के बिना मां का दर्शन अधूरा रहता है।

यहां होती है तंत्र साधना (Tripura Sundari Temple Significance)

आपको बता दें कि देवी के इस धाम का निर्माण महाराजा धन माणिक्य ने 15वीं शताब्दी में कराया था, जो पहले भगवान विष्णु को समर्पित था, लेकिन इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के पूर्व राजा को सपने में देवी माया ने यह आदेश दिया कि यहां पर उनके सबसे सुंदर स्वरूप को विराजित किया जाए, जिसके बाद राजा ने वैसा ही किया। इस शक्तिपीठ को कूर्भपीठ भी कहा जाता है, जहां पर दूर-दूर से तांत्रिक अपनी तंत्र साधना के लिए आते हैं।

वहीं, इस पावन देवी धाम में नवरात्र के शुभ अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है। साथ ही यहां पर दर्शन मात्र से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।

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