AI के गॉडफादर Geoffrey Hinton को मिला फिजिक्स का नोबेल

 AI के गॉडफादर नाम से पॉपुलर Geoffrey Hinton को फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार मिला है। Geoffrey Hinton और अमेरिकी प्रोफेसर John J. Hopfield को यह पुरस्कार आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क पर उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है। Royal Swedish Academy of Sciences ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फील्ड में दोनों के योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार देने का एलान किया है।

Geoffrey Hinton ने इस पुरस्कार के मिलने के बाद नोबेल कमिटी का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा, मैं कैलिफोर्निया में एक सस्ते होटल में था, जिसमें इंटरनेट कनेक्शन नहीं था और फोन पर नेटवर्क भी ठीक से नहीं आ रहे थे। मैं आज एमआरआई स्कैन करवाने जा रहा था, लेकिन मुझे लगता है कि अब इसे रद्द करना पड़ेगा। उनकी उम्र 76 वर्ष है।

80 दशक में शुरू किया काम

1970 और 80 के दशक में दोनों वैज्ञानिकों ने आधुनिक AI सिस्टम की नींव रखी, जिसके आधार पर Gimeni और ChatGPT जैसे बड़े लैंग्वेज मॉडल काम कर रहे हैं। जोफ्री हिंटन के बैक प्रोपेगेशन एल्गोरिदम पर किए रिसर्च और डेटा पेटर्न के सिद्धांत पर काम किया जो आगे चलकर मशीन लर्निंग में काफी मददगार साबित हुआ।

AI को लेकर चेतावनी दे चुके हैं हिंटन

जोफ्री हिंटन के सालों पहले किए रिसर्च पर आज की एआई तकनीक काम कर रही है। आज पूरी दुनिया एआई को लेकर चिंतित है। खुद हिंटन भी इसे संभावित जोखिमों को लेकर लोगों को चेतावनी दे चुके हैं। एआई को लेकर उनका कहना है कि हमें इसके उपयोग के दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसके कई संभावित बुरे परिणाम भी है। इससे कई चीजें इंसानों के कंट्रोल से बाहर जा सकती है।

जेफ्री हिंटन का यह भी कहना था कि इंसानों को अब इस बात पर फोकस करना चाहिए कि हम एआई को कैसे कंट्रोल कर सकते हैं। इस पर व्यापक शोध की जरूरत है।

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