जंगल में खाना ढूंढ रहा था लड़का, पहुंच गया ‘दूसरी दुनिया’ में, ज़मीन से 800 फीट नीचे सुनी ऐसी आवाज़ें

जब भी हम पौराणिक कहानियां सुनते हैं, तो धरती के नीचे एक अलग दुनिया यानि पाताल के बारे में बातें होती हैं. माना जाता है कि इस अंधेरी दुनिया में राक्षस रहा करते थे. अब तक तो ये सिर्फ कहानियां थीं, लेकिन एक शख्स ने धरती के नीचे वाकई दूसरी दुनिया ढूंढ निकाली. ये ज़मीनी स्तर से 262 मीटर नीचे है और कोई छोटी-मोटी जगह नहीं है बल्कि एक अलग संसार है.

हम जिस जगह की बात कर रहे हैं, उसे तब कोई नहीं जानता था, जब उसे एक शख्स ने पहली बार देखा. जब वो जंगल में खाने-पानी की खोज में भटक रहा था, तो उसे वियतनाम के फोंग न्हा के-बांग नेशनल पार्क (Phong Nha Ke-Bang National park) में एक रहस्यमयी रास्ता मिला. वो यहां मौजूद गुफा के अंदर चला गया. हालांकि उसे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि ये रहस्य और ये खोज ऐतिहासिक बन जाएगी.

गुफा के अंदर थी अलग ही दुनिया
खाने की तलाश में हो खांह (Ho Khanh) नाम का लड़का 1991 में गुफा के अंदर पहुंचा था. उसे लगा कि यहां कुछ खाने को मिल जाएगा, लेकिन उसे अजीबोगरीब आवाज़ें आने लगीं. ये तेज़ हवा के चलने और नदी की कल-कल जैसी थी. चूंकि वो ज़मीन से 800 फीट नीचे पहुंच चुका था, ऐसे में उसे घबराहट हुई और डर के मारे वो उल्टे पांव लौट आया. वो उस बात को भूल भी चुका था, जब उसकी मुलाकात गुफाओं से जुड़ी रिसर्च करने वाली संस्था ब्रिटिश केव रिसर्च एसोसिएशन के होवार्ड और डेब लिम्बर्ट से हुई. बातों-बातों में उसने गुफा के बारे में बताया, तो रिसर्चर्स भी दंग रह गए.

गुफा में नदियां-बादल-जीव सब थे ..
खांह ने बताया कि ज़मीन के नीचे नदियां, बादल, बीच और जानवर भी हैं. बस दिक्कत ये थी खांह वहां जाने का रास्ता भूल चुका था. कई कोशिशों के बाद साल 2008 में खांह ने दोबारा गुफा को ढूंढ निकाला. होवार्ड और डेब लिम्बर्ट को इसके बारे में उसने बताया. जब वे अंदर गए तो वाकई यहां नदी थी, बादल थे, चमगादड़-चिड़िया और बंदरों के अलावा भी जानवर थे.

पहले तो यहां किसी और को जाने की इज़ाजत नहीं थी, पर बाद में साल 2013 से इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया. ब्रिटिश एसोसिएशन ने साल 2009 में इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और बताया कि गुफा 20 से 50 लाख साल पुरानी है. यहां जाने वाले टूरिस्ट्स को 6 महीने की ट्रेनिंग लेनी होती है और फिटनेस टेस्ट के बाद ही उन्हें अंदर भेजा जाता है. यहां जाने का टिकट भी 2 लाख रुपये तक होता है.

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