रात्रि का ये शुभ मुहूर्त है बेहद खास, जानें
शारदीय नवरात्र के सातवें (Navratri 7th Day) दिन मां कालरात्रि की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। देवी को महायोगीश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मत है कि इस दिन व्रत करने से मां कालरात्रि अपने भक्तों की सभी बुरी शक्तियों और काल से रक्षा करती हैं। मां कालरात्रि की पूजा मध्य रात्रि में होती है। ऐसे में आइए जानते हैं मध्य रात्रि का मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
मां कालरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का प्रारंभ 09 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से होगा। वहीं, इसका समापन 10 अक्टूबर को दोपहर में 12 बजकर 31 मिनट पर होगा। आज पूजा करने का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
मध्य रात्रि में 11 बजकर 44 मिनट (Today Shubh Muhurat) से लेकर रात को 12 बजकर 33 मिनट तक है।
मां कालरात्रि की पूजा विधि
दिनभर उपवास रखें और रात्रि में चौकी पर मां कालरात्रि की प्रतिमा को विराजमान करें। अब मां को फूल चढ़ाएं। दीपक जलाकर आरती कर मंत्र का जप करें। साथ ही मां कालरात्रि की चालीसा का पाठ करें। गुड़ से बनी चीजों को भोग लगाएं। मां से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। इसके बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
पूजा से मिलते हैं ये लाभ
सनातन शास्त्रों में मां कालरात्रि (NavratriDay 7 Goddess) की महिमा का विशेष वर्णन देखने को मिलता है। तंत्र विद्या के साधक मां कालरात्रि की पूजा मध्य रात्रि में करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि उपासना करने से जीवन का हर अंधकार क्षण भर में दूर हो जाता है। साथ ही दुश्मनों और बुरी आत्माओं से छुटकारा मिलता है।
करें ये उपाय
अगर आप सुख और समृद्धि में वृद्धि चाहते हैं, तो मां कालरात्रि (Maa Kalratri Upay) की पूजा के दौरान देवी के 32 नाम का जप करें। मान्यता है कि इससे देवी प्रसन्न होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।