डीएम ने राजकीय उपजिला चिकित्सालय ऋषिकेश के CMS का किया ट्रांसफर, 8 डॉक्टरों का काटा वेतन

उत्तराखंड के ऋषिकेश में राजकीय उपजिला अस्पताल में औचक निरीक्षण के दौरान खामियां और कर्मचारियों के अनुपस्थित मिलने पर डीएम देहरादून ने बड़ी कार्रवाई की है। इसमें डीएम ने अस्पताल की लाचार कार्यशैली को देखते हुए सीएमएस केपी चंदोला का ट्रांसफर कर दिया है। इसी के साथ ही अस्पताल में ड्यूटी के समय अनुपस्थित मिलने पर 8 डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, आउटसोर्स कर्मचारी और डाटा एंट्री ऑपरेटर का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं। वही एआरटीओ ऋषिकेश का जवाब तलब कर वरिष्ठ सहायक को निलंबित कर दिया है।

डीएम ने चिकित्सालय का किया औचक निरीक्षण 
प्राप्त सूचना के मुताबिक डीएम सविन बंसल ने बीते शुक्रवार को राजकीय उपजिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान डीएम स्वयं टैक्सी नंबर के वाहन को चलाकर यहां पहुंचे थे। साथ ही अस्पताल में लाइन में लगकर ओपीडी की पर्ची भी बनाई थी। इसके बाद डीएम ने अस्पताल के शौचालय से लेकर ओपीडी और सीएमएस कक्ष का निरीक्षण किया। वहीं इस निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कई अव्यवस्थाएं मिलीं थीं। बताया गया इसमें सीएमएस सहित अधिकांश डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, डाटा एंट्री ऑपरेटर व आउटसोर्स कर्मचारी अस्पताल में अनुपस्थित मिले थे।वहीं अस्पताल में इतनी खामियों को देखते हुए डीएम देहरादून ने कार्रवाई में सीएमएस केपी चंदोला का ट्रांसफर किया। वहीं मौके पर अनुपस्थित सीएमएस डॉ. केपी चंदोला सहित डॉ. अंकित आनंद, डॉ. ललित जैन, डॉ. नीना सैनी, डॉ. शिवानी ध्यानी, डॉ. साक्षी बंगवाल, डॉ. रितिका गुप्ता और डॉ. आकांक्षा का वेतन काटने के निर्देश भी दिए।

एआरटीओ कार्यालय में मिलीं कई खामियां
वहीं,डीएम सविन बंसल ने गत 4 अक्टूबर को एआरटीओ कार्यालय का औचक निरीक्षण भी किया था। इस निरीक्षण के दौरान मिली खामियों पर डीएम बंसल ने कार्रवाई की है। इसमें अव्यवस्थाएं मिलने पर एआरटीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें डीएम ने लाइसेंस अनुभाग के वरिष्ठ सहायक कमल प्रसाद गौड़ को निलंबित कर दिया है। साथ ही डीएम ने आदेश में उल्लेख किया है कि कमल प्रसाद गौड़ अपने कक्ष में बिना कार्य करते हुए उदासीन स्थिति में थे। जबकि कक्ष के बाहर 35-40 लोग अपनी बारी के इंतजार में परेशान थे। वहीं इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए सहायक परियोजना निदेशक डीआरडीए अर्पणा बहुगुणा को जांच अधिकारी नामित किया है। इसके अतिरिक्त जांच अधिकारी 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट तैयार करेंगी।

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