बढ़ने लगा डेंगू का प्रकोप, बच्चों पर सबसे ज्यादा असर, दो सप्ताह में आए दो हजार से ज्यादा मामले
राज्य में डेंगू और डेंगू जैसी मिलती-जुलती बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बच्चों पर इसका प्रभाव सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। राज्य के अस्पतालों में आने वाले ऐसे मरीजों में से 15% को भर्ती करना पड़ रहा है। हाल के दो हफ्तों में ही 2200 से अधिक नए डेंगू केस दर्ज किए गए हैं, जबकि पूरे सीजन में अब तक 5301 मामले सामने आ चुके हैं। जयपुर के जेके लोन और जयपुरिया अस्पतालों के वार्ड पूरी तरह से भर गए हैं, जहां 80% मरीज डेंगू, स्क्रप टाइपस से पीड़ित हैं।
डेंगू के गंभीर मामले बढ़ रहे हैं
शिशु रोग विशेषज्ञ और वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. दीपेन्द्र गर्ग ने बताया कि ओपीडी में आने वाले बच्चों में तेज बुखार और डेंगू के लक्षण मिल रहे हैं, जिनमें से 15% को अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति माता-पिता की लापरवाही के कारण हो रही है, जो बच्चों में बुखार, पेट दर्द और उल्टियों के लक्षणों को नजरअंदाज कर रहे हैं और देर से इलाज के लिए आ रहे हैं। इस वजह से बच्चों के प्लेटलेट्स खतरनाक स्तर पर गिर रहे हैं, कुछ मामलों में यह आंकड़ा 20,000 से भी नीचे पहुंच चुका है, हालांकि ऐसे बच्चों का इलाज एसडीपी चढ़ाए बिना भी किया जा रहा है।
सतर्कता जरूरी
डॉ. गर्ग के अनुसार बच्चों में फिलहाल सीवियरिटी कम है लेकिन सतर्क रहने की आवश्यकता है। कई बच्चों में उल्टी, पेटदर्द और ब्लीडिंग की समस्या आ रही है, जिससे डी-हाइड्रेशन के मामले भी सामने आ रहे हैं। दीपावली तक का समय इस बीमारी के लिए सबसे खतरनाक हो सकता है क्योंकि इस दौरान डेंगू और मलेरिया के सबसे ज्यादा केस देखने को मिलते हैं।
जयपुर में सबसे ज्यादा केस
राज्यभर में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर बारिश के थमने के बाद। अब तक कुल 5301 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 991 मरीज राजधानी जयपुर से हैं। जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दूदू और कोटपूतली के क्षेत्रों में यह संख्या सबसे अधिक है। उदयपुर 643 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है।
मौतों की संख्या बढ़ी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में अब तक डेंगू से केवल 2 मौतें (कोटा और जयपुर ग्रामीण) रिपोर्ट की गई हैं, जबकि सूत्रों बताते हैं कि पिछले एक महीने में 5 लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें जयपुर ग्रामीण, कोटा, दौसा, पाली और उदयपुर शामिल हैं।