पहाड़ पर अकेले घर में रहती है महिला, बिजली-इंटरनेट के बिना गुजारती है जिंदगी

आज के जमाने में अगर कोई कहे कि वो बिना इंटरनेट या बिजली के जिंदगी गुजारता है तो आप उसे झूठा या पागल कहेंगे. पर आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो प्रकृति के बीच, टेक्नोलॉजी और शहर की भीड़भाड़ से दूर रहना पसंद करते हैं. ऐसे लोगों को देखकर हर किसी को हैरानी होती है. ऐसी ही लाइफस्टाइल ब्रिटेन की एक महिला (Woman live in lonely house on mountain) की है जो 49 साल की है और अपने पालतु कुत्ते के साथ एक पहाड़ की ऊंचाई पर, अकेले घर में रहती है. हैरानी इस बात की है कि उसके सबसे नजदीकी पड़ोसी कई किलोमीटर दूर रहते हैं.

द सन वेबसाइट के अनुसार सू एडवर्ड (Sue Edwards) और उनका पालतू कुत्ता जूरा ब्रिटेन (Britain’s loneliest house) के लेक ड्रिस्ट्रिक्ट में रहते हैं. वो जिस घर में रहती हैं, उसका नाम स्किडॉ हाउस है जो 1550 फीट की ऊंचाई पर है. आपको जानकर हैरानी होगी कि घर से सबसे नजीक रोड करीब 5 किलोमीटर दूर है. वहां तक जाने के लिए 4×4 पिकअप वैन जैसी गाड़ियों की ही जरूरत पड़ती है, जो आसानी से ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चल सके. ये घर असल में एक हॉस्टल है, जहां लोग वीकेंड में आकर ठहर सकते हैं. सू इसकी देखरेख करती हैं.

घर में नहीं है बिजली
हॉस्टल में बिजली नहीं है, इस वजह से सोलर पैनल के जरिए अपनी बिजली पैदा की जाती है. इसके अलावा पीने के पानी का सप्लाई नहीं है, उसके लिए पास ही बने झरने के पानी का इस्तेमाल किया जाता है. पिछले करीब ढाई सालों से सू ने अपने घर को हॉस्टल में तब्दील कर दिया है. हैरानी इस बात की है कि वो लगभग बिना इंटरनेट के जिंदगी बिता रही हैं. लगभग इसलिए क्योंकि वो एक महीने में 10MB तक वाईफाई डाटा इस्तेमाल करती हैं. उनके पास व्हॉट्सएप है, मगर उसपर जब कोई ज्यादा भारी वीडियो भेज देता है तो उसे डाउनलोड करना उनके लिए मुश्किल हो जाता है.

1829 में बना था घर
हर मंगलवार को वो घर के लिए हफ्तेभर का राशन पास के सुपरमार्केट से लाती हैं जहां तक जाने में उन्हें 50 मिनट तक का वक्त कार से लगता है. सू एक किसान की बेटी थीं मगर उन्हें किसान का काम बोरिंग लगता था. जब वो 18 साल की हुईं तो एक टीचर बन गईं. उसके बाद वो हॉस्टल्स में काम करने लगीं. इस हॉस्टल की जो पुरानी वॉर्डन थी, उसको बच्चा हुआ था और वो नौकरी छोड़ रही थी. तब सू ने फैसला किया कि वो वॉर्डन बनेंगी. आपको बता दें कि ये घर 1829 में बना था. तब ये कीपर्स लॉज और ग्राउस शूटिंग बेस था. बिल्डिंग को दो भाग में तब बांटा गया था, एक भाग गेमकीपर और उसके परिवार के लिए और दूसरा भाग शेफर्ड और परिवार के लिए. 1957 में घर को एक लोकल किसान को बेचा गया. वहां एक चरवाहा काफी वक्त तक रहता था. अब सू उसकी देखरेख करती हैं. उनका अपना घर इंग्लैंड के यॉर्क में है जहां वो सर्दी के दिनों में चली जाती हैं. तब ये जगह सिर्फ प्राइवेट किराये के हॉस्टल के तौर पर उठाया जाता है.

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