जॉब खोने के चलते बीमा पॉलिसी पाना चाहते हैं तो जानिये ये जरूरी बातें
यदि आपको लगता है कि आपकी कंपनी आपको नौकरी से निकाल सकती है तो ऐसा मत मानिये कि किसी प्रकार का जॉब लॉस इंश्योरेंस आपको नई नौकरी पाने के दरमियान कुछ महीनों तक सहारा देता रहेगा। इस बात के आसार भी हो सकते हैं कि आप इसकी पात्रता भी ना रखते हों। टेक्नोलॉजी सेक्टर में छंटनी का दौर चल रहा है। ऐसे में कर्मचारी ऐसे किसी विकल्प की तलाश में हैं जिससे उन्हें जॉब खोने का भी बीमा मिल सके। आइये इसके बारे में कुछ जानें।
- स्टैंड अलोन जॉब लॉस कवर उपलब्ध नहीं हैं। किसी भी प्रकार की बीमा कंपनी ऐसी पॉलिसी नहीं चलाती है। अन्य पॉलिसियां जो एक्सीडेंट और गंभीर बीमारी को कवर करती हैं, उसमें यह उपलब्ध है।
- यह केवल उन तीन सबसे बड़ी ईएमआई के लिए है जो कि अपनी आय का पचास प्रतिशत किश्त में चुकाते हैं।
- एक से तीन महीने का समय वेटिंग पीरीयड में आता है, इसका क्लेम केवल उसी समयावधि के लिए किया जा सकता है।
- छंटनी के मामले में पॉलिसी तभी लागू होती है जब नियोक्ता विलय या अधिग्रहण के चलते आपकी छंटनी कर दे। इसके लिए आपको छंटनी का लिखित प्रमाण चाहिये। बिना प्रमाण के लिए यह क्लेम मान्य नहीं होगा।
- कई पॉलिसियां ऐसी होती हैं जो कि इस तरह के क्लेम को मान्य नहीं करतीं। इसके अलावा विभिन्न बीमा में छंटनी को एक सूची के ज़रिये देखा जाता है।
यह भी पढ़े: RBI ने यथावत रखी ब्याज दरें, रेपो रेट 6.25 प्रतिशत पर बरकरार
- बजाज एलीयांज जनरल इंश्योरेंस के आदि दामू कहते हैं कि यदि जॉब रिस्क को लेकर कोई क्लेम पेश किया जाता है तो इसमें बहुत सारी शर्तें देखना होंगी।
- जॉब लॉस कवर का सीमित क्षेत्र देखते हुए इसका कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।
- छंटनी का प्रमाण रखना बेहद जरूरी है क्योंकि वही चीज आपके काम आएगी यदि आपको क्लेम करने की पात्रता है।