दिल्ली : लोटस 300 के फ्लैट खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत

करीब 12 साल से अपने फ्लैट का इंतजार कर रहे नोएडा सेक्टर 107 के लोटस 300 प्रोजेक्ट के करीब 330 लोगों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने नोएडा प्राधिकरण को टावर-1 और 2 के फ्लैटों की रजिस्ट्री का काम चार हफ्ते में पूरा करने का आदेश दिया है। इन दोनों टावरों में फ्लैट खरीदने वालों को 2019 में ही ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट मिल गया था। 

जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने रजिस्ट्री में नोएडा प्राधिकरण की आनाकानी पर कड़ा ऐतराज जताया। पीठ ने टावर 3, 4, 5 और 6 के फ्लैट खरीदारों को भी राहत दी। नोएडा प्राधिकरण को टावर में फ्लैट खरीदने वालों के साथ समन्वय करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा, ताकि उन्हें भी ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट मिल सके और उसके बाद फ्लैटों की रजिस्ट्री करा सकें। इन टावरों के फ्लैट खरीदारों ने जुलाई में ही ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर चुके हैं। 

प्राधिकरण को वसूली से रोका
पीठ ने स्पष्ट किया कि फ्लैट खरीदारों पर प्राधिकरण का कुछ भी बकाया नहीं है। खरीदार पहले ही अपने हिस्से की रकम जमा करा चुके हैं। पीठ ने परियोजना की निगरानी या घर खरीदारों की सुविधा के लिए उठाए गए कदमों पर नोएडा प्राधिकरण से कुछ सवाल भी पूछे।

अनावश्यक दस्तावेज पर फटकारा
फ्लैट खरीदारों की परेशानियों पर दुख जताते हुए पीठ ने उनके एसोसिएशन से तरह-तरह के दस्तावेज मांगने पर भी नोएडा प्राधिकरण को फटकार लगाई। पीठ ने कहा, ये दस्तावेज देने की जिम्मेदारी बिल्डर की है। अब बिल्डर नहीं है, तो इसके लिए खरीदारों को परेशान नहीं किया जा सकता। प्राधिकरण को खरीदारों को अनावश्यक कागजी कार्रवाई में उलझाने की बजाय उन्हें सुविधा देनी चाहिए, खासकर तब जब बिल्डर ने अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लिया है। 

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