कंधार विमान अपहरण पर आई नई किताब
करीब 25 साल पहले भारतीय एयरलाइंस के विमान यानी फ्लाइट संख्या आइसी 814 के अपहरण पर एक नई किताब आई है जिसमें सीधे तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का हाथ होने के साक्ष्य दिए गए हैं।
अभिनव पांड्या की लिखी किताब ‘इनसाइड द टेरिफाइंग वर्ल्ड आफ जैश-ए-मोहम्मद’ में बताया गया है कि कंधार हाईजैक के अपहरणकर्ता किस तरह अपना एक-एक कदम अपने पाकिस्तानी आकाओं से पूछ-पूछकर उठा रहे थे। शनिवार को जारी इस किताब में बताया गया है कि भारतीय इतिहास के सबसे लंबे विमान अपहरण के अपहरणकर्ता किस तरह भारतीय अधिकारियों से समझौता वार्ता के दौरान अपने आइएसआई हैंडलरों से दिशा-निर्देश ले रहे थे।
लेखक अभिनव पांड्या ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने पूरे पाकिस्तान में भारतीय बंधकों के बदले छोड़े गए खूंखार आतंकी और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का पूरे पाकिस्तान में विजय जुलूस निकाला था।
जब स्पीकर पर उर्दू में आवाज सुनाई दी
भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख और कंधार जाने वाले भारतीय वार्ताकार दल के एक सदस्य से बातचीत का हवाला देते हुए लेखक ने बताया कि 155 यात्रियों की रिहाई के लिए अपहरणकर्ताओं से जारी बातचीत के दौरान आइएसआइ के लोगों को पूरा ब्योरा दे रहे थे और वह लोग भी अपहरणकर्ताओं को दिशा-निर्देश देते हुए निगरानी कर रहे थे।
1955 बैच के भारतीय कूटनीतिज्ञ विवेक काटजू के अनुसार जब भारतीय वार्ताकारों ने पूछा कि क्या वह भारतीय विमान को अपने कब्जे में ले सकते हैं, तो स्पीकर पर उर्दू में आवाज सुनाई दी कि भारतीयों को विमान सौंपने से पहले अपहरणकर्ता अपना सामान बाहर निकाल लें। जब अहसास हुआ कि इसमें ज्यादा समय लग सकता है, तो भारतीय दल ने इस प्रक्रिया के बगैर ही विमान सौंपने को कहा।
कंधार में आतंकियों का स्वागत आइएसआई के लोगों ने किया था
इस पर अज्ञात आवाज ने अपहरणकर्ता से भारतीय पक्ष को यह बताने को कहा कि उनके बैग विस्फोटकों से भरे हैं और इसलिए उन्हें बाहर निकालना जरूरी है। जब आतंकी मसूद अजहर, उमर शेख और मुश्ताक जरगर को दिल्ली से कंधार लाया गया तो उन आतंकियों का स्वागत करने के लिए आइएसआई के लोग मौजूद थे। जरगर 12 दिसंबर, 1989 के रुबैया सईद (तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी) के अपहरण में आरोपित था जिसने बाद में पाकिस्तान में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या की थी।