राजस्थान: सरकारी दावे धरे रह गए, दौसा में डेंगू से महिला डॉक्टर की मौत
राजस्थान में सरकारी दावे धरे रह गए और एक डॉक्टर की डेंगू से मौत हो गई। यह मामला दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा उप जिला अस्पताल का है, जहां डॉक्टर ज्योति मीणा चिकित्सा के रूप में लगभग 1 साल से अपनी सेवाएं दे रही थीं। बीते दिनों उनकी डॉक्टर ज्योति की अचानक तबीयत बिगड़ी, जिसके चलते उन्हें तुरंत जयपुर के अपेक्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
लालसोट के सीएमओ डॉक्टर पवन जैन ने बताया कि तीन दिन पहले डॉक्टर ज्योति मीणा इलाज के लिए अपेक्स हॉस्पिटल जयपुर में भर्ती हुई थीं, जहां उनकी प्लेटलेट्स की संख्या लगातार गिरती गई और यह 12,000 रह गई। इस कारण उन्हें तुरंत आईसीयू में शिफ्ट किया गया। आईसीयू में भर्ती होने के बाद भी डॉक्टर ज्योति मीणा की स्थिति में लगातार गिरावट होती रही और फिर उनकी मौत हो गई।
डॉ. ज्योति मीणा की एक डेढ़ साल की बेटी है, और उनके पति डॉ. धर्म सिंह मीणा रामगढ़ पचवारा उप जिला अस्पताल में ही ईएनटी स्पेशलिस्ट के रूप में कार्यरत हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में उनकी बेटी भी डेंगू से पीड़ित थी, लेकिन वह स्वस्थ हो गई थी। अफसोस की बात है कि डॉ. ज्योति खुद डेंगू की चपेट से नहीं बच सकीं।
डॉ. मीणा के निधन से चिकित्सा महकमे में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। अब बड़ा सवाल यह है कि जब मौसमी बीमारियों का प्रकोप इतना बढ़ चुका है, तो सरकारी दावे कैसे विफल हो गए, खासकर जब एक डॉक्टर की जान डेंगू के चलते चली गई। इससे चिकित्सा विभाग भी लाचार नजर आया।