दिल्ली : सीएजी रिपोर्ट और बस मार्शलों पर सदन में हंगामा

विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत बृहस्पतिवार को हंगामे के साथ हुई। बतौर मुख्यमंत्री आतिशी के पहले सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। आप विधायक बस मार्शल को नियमित करने से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा कराने पर अड़े रहे। वहीं, विपक्ष ने सीएजी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखने की मांग की। इससे दोनों तरफ से गहमागहमी बढ़ गई। बार-बार शांत करने की नसीहत कारगर न होने पर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने सदन को 15 मिनट तक स्थगित कर दिया। वापसी पर भी मामला शांत नहीं हुआ तो अध्यक्ष ने विपक्ष को मार्शलों से बाहर निकलवा दिया। बाहर निकलकर भाजपा विधायकों ने मॉक असेंबली लगाकर सवाल-जवाब किए।

विधानसभा के विशेष सत्र की करीब 11 बजे शुरू होते ही आप विधायक कुलदीप कुमार ने बस मार्शलों को नियमित करने की मांग की। सत्ता पक्ष के सभी विधायक समर्थन में सदन में खड़े हो गए। इसी बीच विपक्ष के सदस्यों ने भी सीएजी रिपोर्ट को सदन पटल पर रखने की मांग की। ऐसे में सदन की कार्यवाही 15 मिनट के स्थगन के बाद शुरू होते ही फिर हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सदस्य फिर से सदन पटल पर सीएजी रिपोर्ट पेश करने के नारे लगाने लगे और सदन को चलाने में अवरोध उत्पन्न हुआ। फिर अध्यक्ष ने विपक्ष के सदस्यों को मार्शल आउट करा दिया। इसके बाद भाजपा के सभी विधायक विधानसभा अध्यक्ष के कमरे के बाहर धरने पर बैठ गए। यहां उन्होंने ‘मॉक एसेंबली’ का आयोजन किया।

थोड़ी देर बाद सदन में फिर से विपक्ष के सभी सदस्यों को बुलाया गया और सभी बस मार्शलों को नियमित करने के लिए चर्चा में शामिल हुए। सभी ने अपने-अपने पक्ष रखे और एकमत से इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया। इसके बाद वित्त मंत्री की ओर से सदन की अनुमति के बाद दिल्ली माल एवं सेवा कर (तृतीय संशोधन) विधेयक 2024 (वर्ष 2024 का विधेयक संख्या 03) को दोबारा से स्थापित किया गया। इसके बाद फार्म हाउस मालिकों को बचाने के लिए 1100 पेड़ों की कथित अवैध कटाई के संबंध में चर्चा की गई।

विपक्ष पर भड़के अध्यक्ष
सदन में चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल विपक्ष के सदस्यों पर भड़क गए। विधायक मोहन सिंह बिष्ट को फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा कि फालतू मत बोलिए। बिष्ट ने मार्शल के मुद्दे पर कहा कि पढ़े-लिखे लोग बर्बाद न हो, किसी का घर बर्बाद न हो, इसकी चिंता हम सभी को करनी चाहिए। उन्होंने दुष्कर्म की की घटनाओं का भी जिक्र करते हुए कहा कि सारे मार्शल एक जैसे हो सकते हैं, ऐसा नहीं है। क्या उनके चरित्र का वेरिफिकेशन सरकार ने पुलिस से करवाया था। इस पर गोयल भड़क गए और कहा कि क्या किसी विभाग में आज तक किसी का दुष्कर्म नहीं हुआ।

बस मार्शल फिर होंगे बहाल, प्रस्ताव पास
सेवा से हटाए गए बस मार्शलों को फिर से बहाल करने का प्रस्ताव विधानसभा में पास हुआ। इसके तहत मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली के मंत्री और विपक्ष के विधायक 3 अक्तूबर सुबह 11 बजे उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलने जाएंगे। बृहस्पतिवार को दिल्ली विधानसभा के सत्र में प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बस मार्शल को बहाल करने के लिए दिल्ली सरकार के मंत्री ने काफी कोशिश की, लेकिन अधिकारी ने ऐसा नहीं होने दिया। अब एलजी ही कुछ कर सकते हैं। इन्हें बहाल करने के लिए दिल्ली के मंत्री और विपक्ष के विधायक एलजी के पास जाएंगे। इस योजना को लागू करने के दौरान जो भी गलती हुई उसे सुधारते हुए फिर से इन्हें बहाल करवाएंगे। एलजी जो कुछ भी लिखने का आदेश देंगे, मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री वह लिखकर दे देंगे। मंत्री के संबोधन के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों की सहमति से इस प्रस्ताव को पास कर दिया।

बस मार्शल के लिए अभद्र शब्द का इस्तेमाल
सदन के विषय पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक मोहन सिंह ने एक घटना का जिक्र करते हुए बस मार्शल के लिए अभद्र शब्द का इस्तेमाल किया। इस बयान के बाद आप विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि भाजपा विधायक बस मार्शलों पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि इन्होंने महिलाओं की रक्षा की। कई लोगों की जिंदगी बचाई। वहीं, भाजपा विधायक का बचाव करते हुए नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मोहन एक बेटी के दर्द को सदन में रख रहे थे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने भी नाराजगी जताई।

साथ-साथ बैठे केजरीवाल-सिसोदिया
मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सदन में साथ-साथ बैठे। केजरीवाल 41 नंबर व मनीष सिसोदिया 40 नंबर सीट पर बैठे।

मनमाने तरीके से आप चला रही विधानसभा : भाजपा
नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी की सरकार पर तानाशाही और मनमाने तरीके से विधानसभा चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आप सरकार के शासन में भाजपा विधायकों को जनहित के मुद्दे विधानसभा में उठाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। यह लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास है।

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