शेयर मार्केट में तीन IPO की लिस्टिंग; दो के निवेशकों की मौज
शेयर मार्केट में आज तीन कंपनियों के आईपीओ लिस्ट हुए। नॉर्दर्न आर्क कैपिटल (Northern Arc Capital Limited), आर्केड डेवलपर्स (Arkade Developers) और वेस्टर्न कैरियर्स (Western Carriers) शामिल हैं। नॉर्दर्न आर्क और आर्केड डेवलपर्स ने आईपीओ निवेशकों को लिस्टिंग पर 30 फीसदी से अधिक का मुनाफा दिया। वहीं, वेस्टर्स कैरियर्स डिस्काउंट के साथ स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुआ और निवेशकों को घाटा उठाना पड़ा।
आर्केड डेवलपर्स ने कराया मुनाफा
आर्केड डेवलपर्स (Arkade Developers) की स्टॉक मार्केट में धमाकेदार एंट्री हुई है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर यह 36.7 फीसदी प्रीमियम के साथ 175 रुपये और BSE पर 37.4 फीसदी प्रीमियम के साथ 175.9 रुपये पर लिस्ट हुआ। आर्केड डेवलपर्स के IPO का इश्यू प्राइस 128 रुपये प्रति शेयर था। इसका IPO 106.83 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
रियल्ट एस्टेट फर्म आर्केड डेवलपर्स का ज्यादातर कामकाज मुंबई मेट्रोपोलियन रीजन में है। इसने दक्षिण मुंबई में कई हाई-एंड लग्जरी प्रोजेक्ट्स डेवलेप किए हैं। पिछले दो दशकों में कंपनी ने 28 प्रोजेक्ट्स को कंप्लीट किया है। इसमें से 17 नए और 11 रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स हैं।
नॉर्दर्न आर्क की जोरदार एंट्री
नॉर्दर्न आर्क कैपिटल ने आज लिस्टिंग पर आईपीओ निवेशकों की मौज करा दी। 2009 में बनी नॉर्दर्न आर्क कैपिटल रिटेल लोन बांटती है। इसके स्टॉक BSE पर 351 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए, जो IPO प्राइस से 33.5 फीसदी अधिक है। नॉर्दर्न आर्क का IPO 263 रुपये प्रति शेयर के रेट पर आया था।
IPO निवेशकों को करीब 33.5 फीसदी का शानदार लिस्टिंगव गेन मिला, लेकिन यह ग्रे मार्केट के अनुमानों से कम रहा। ग्रे मार्केट में नॉर्दर्न आर्क के शेयर करीब 50 फीसदी के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे थे। इस IPO को शानदार रिप्सॉन्स मिला था और यह करीब 110.71 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन के साथ बंद हुआ था।
वेस्टर्न कैरियर्स ने कराया घाटा
वेस्टर्न कैरियर्स मेटल सेक्टर की टाटा स्टील और वेदांता जैसी दिग्गज कंपनियों को लॉजिस्टिक्स सर्विसेज उपलब्ध कराती है। इसके आईपीओ को भी जोरदार रिस्पॉन्स मिला था। यह ओवरऑल 31 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ था। लेकिन, इसकी शेयर मार्केट में एंट्री काफी फीकी रही।
वेस्टर्न कैरियर्स के शेयर आईपीओ के तहत 172 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए थे। इसकी BSE पर एंट्री 170 रुपये और NSE पर 171.00 रुपये पर हुई। इसका मतलब कि आईपीओ निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला, बल्कि उनकी मूल पूंजी ही घट गई। लिस्टिंग के बाद इसमें गिरावट का सिलसिला जारी रहा और निवेशकों का नुकसान करीब 5 फीसदी तक पहुंच गया।