अब आए अच्छे की जगह बुरे दिनः 16 जून से रोज बदलेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम
तेल कंपनियों की मानें तो पूरे विश्व के कई देशों में इस तरह से हो रहा है। पेट्रोल-डीजल के दाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेंगे और घटेंगे। हालांकि प्रतिदिन कीमतों में होने वाला बदलाव कुछ पैसों में ही होगा।
एक रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी बहुत कम बार होगी, ऐसा अनुमान तेल कंपनियों ने लगाया है। इससे तेल कंपनियों को जहां ज्यादा घाटा नहीं उठाना पड़ेगा, वहीं आम आदमी पर इसका बोझ ज्यादा पड़ सकता है।
पेट्रोल के दाम रोजाना तय होने से इसका असर उन लोगों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा जो प्रतिदिन 100-50 रुपये का पेट्रोल लेते हैं। हालांकि जो लोग एक साथ 100 से 500, 1000 रुपये से ज्यादा का पेट्रोल लेते हैं उन पर इसकी मार कम पड़ेगी।
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इसके अलावा प्राइवेट और सरकारी बसों के किराये पर भी असर पड़ने की संभावना है। इससे जहां एक किराया भी नहीं रहेगा। रोजाना किराया घटने-बढ़ने से लोगों को आने-जाने में परेशानी भी हो सकती है।
सरकार और कंपनियों को होगा केवल फायदा
तेल कंपनियों के इस फैसले से केवल उन्हें और सरकार को फायदा होने की उम्मीद है। इससे जहां कंपनियों को अपना घाटा कम करने में मदद मिलेगी, वहीं सरकार को तेल कंपनियों को घाटे की भरपाई करने के लिए बांड जारी नहीं करना पड़ेगा। वहीं सरकार के खजाने में टैक्स के रुप में मोटी रकम आने की संभावना है।